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शेयर बाजार

Share Market Today : Sensex तीसरे दिन भी तेजी के साथ खुला, निफ्टी ने भी ली रैली

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Share Market Sensex/Nifty Today वाहन धातु और बैंक शेयरों में लिवाली से बीएसई सेंसेक्स पिछले बंद से थोड़ा ऊपर 58810 अंक पर खुला। बुधवार को यह 657 अंक की तेजी के साथ फिर से 58000 अंक के स्तर को पार कर गया था।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। शेयर बाजारों में गुरुवार को तीसरे दिन भी तेजी रही। वाहन, धातु और बैंक शेयरों में लिवाली से बीएसई सेंसेक्स पिछले बंद से थोड़ा ऊपर 58,810 अंक पर खुला। बुधवार को यह 657 अंक की तेजी के साथ फिर से 58,000 अंक के स्तर को पार कर गया था। कारोबारियों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर मजबूत रुख से भी बाजार को समर्थन मिला। इसी तरह निफ्टी 50 भी थोड़ा ऊपर 17,554 अंक पर खुला।

तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 657.39 अंक यानी 1.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 58,465.97 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 197.05 अंक यानी 1.14 प्रतिशत उछलकर 17,463.80 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की कंपनियों में मारुति का शेयर 4.14 प्रतिशत की मजबूती के साथ सर्वाधिक लाभ में रहा। इसके अलावा इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व, टाइटन, विप्रो और भारती एयरटेल में भी प्रमुख रूप से तेजी रही। दूसरी तरफ केवल तीन शेयर… सन फार्मा, आईटीसी और पावर ग्रिड 0.72 प्रतिशत तक नुकसान में रहे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में तेजी के साथ घरेलू बाजार भी लाभ में रहे। केवल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को छोड़कर अन्य सभी प्रमुख क्षेत्र बढ़त में रहे। अमेरिकी शेयर बाजार में कल तेजी रही। निवेशकों ने मुद्रास्फीति का आंकड़ा जारी होने से पहले कच्चे तेल की ऊंची कीमत और ब्याज दर में वृद्धि को तवज्जो नहीं दी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई की बृहस्पतिवार को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा पर सबकी नजर होगी। इसका कारण घरेलू स्तर पर महंगाई दर और दुनिया के कुछ अन्य देशों में केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दर बढ़ाये जाने से केंद्रीय बैंक पर इसी प्रकार का रुख अपनाने का दबाव होगा।’’

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘….निफ्टी में आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले तेजी आयी…ऐसा लगता है कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम हो रहा है। इसके साथ कच्चे तेल के दाम में कमी से दुनियाा के प्रमुख बाजारों में धारणा मजबूत हुई है। आरबीआई अगर रेपो दर (रिवर्स रेपो दर नहीं) बढ़ाता है तो बाजार पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है।’’

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