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दुनिया

किसी भी पल छिड़ सकती है जंग! अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा- तुरंत छोड़ दें यूक्रेन

कोरोना संकट के बीच दुनिया पर युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. रूस को समझाने की कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में मॉस्को कोई बड़ा कदम उठा सकता है. इस बीच, अमेरिका ने अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने को कहा है. 

  • रूस और यूक्रेन में चल रहा है विवाद
  • रूस को समझाने की कोशिशें विफल
  • जंग में पश्चिमी देश यूक्रेन का देंगे साथ

वॉशिंगटन: रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine Dispute) के बीच युद्ध टालने की कोशिशें नाकाम होती नजर आ रही हैं. यही वजह है कि अमेरिका (America) ने अपने नागरिकों को तुरंत यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है. मौजूदा हालातों को देखकर आशंका जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में कुछ बड़ा हो सकता है. यदि दोनों देशों में जंग होती है, तो फिर ये केवल दो देशों का मुद्दा नहीं रह जाएगा. इस जंग के विश्व युद्ध बनते देर नहीं लगेगी, क्योंकि अमेरिका सहित पश्चिमी देश इस लड़ाई में यूक्रेन का साथ देंगे और चीन रूस का.    

काम नहीं आई चेतावनी

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने रूसी हमले की बढ़ती आशंका को देखते हुए अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है. न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, बाइडेन के कहा कि अमेरिकी नागरिक जल्द से जल्द यूक्रेन अब छोड़ दें. यूक्रेन में रूसी आक्रमण के खतरे को देखते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने यह अपील की है. गौरतलब है कि अमेरिका चेतावनी दे चुका है कि यूक्रेन पर हमले की सूरत में रूस को भारी नुकसान उठाना होगा, लेकिन इस चेतावनी का खास फायदा नहीं हुआ.

वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन संकट पिछले कुछ दशकों में यूरोप के ‘सर्वाधिक खतरनाक क्षण’ में प्रवेश कर गया है. ब्रिटेन की शीर्ष राजनयिक ने अपने रूसी समकक्ष के साथ बातचीत भी की, जिन्होंने कहा कि क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) पश्चिमी देशों के ‘लेक्चर’ नहीं सुनेगा.

ब्रिटिश सैनिक पोलैंड पहुंचे 

इस बीच, यूक्रेन के उत्तर में स्थित बेलारूस में रूसी सैनिकों की सैन्य गतिविधियां देखने को मिली हैं. जबकि यूक्रेन की सीमा के पास रूस के एक लाख से अधिक सैनिकों का जमावड़ा है. गुरुवार को ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स का एक लड़ाकू विमान 350 सैनिकों को लेकर पोलैंड में उतरा. बता दें कि पशिमी देश रूस पर दबाव बनाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मॉस्को के रुख में कोई बदलाव देखने को अब तक नहीं मिला है.

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