Delhi Metro Service News यात्रियों की मांग है कि मेट्रो में खड़े होकर सफर की छूट मिले क्योंकि दिल्ली में सबकुछ खोल दिया गया है। मसलन दिल्ली में पिछले एक सप्ताह से प्राइवेट के बाद सरकारी दफ्तर भी 100 फीसद क्षमता के साथ खुल गए हैं।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Delhi Metro Service News : दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद प्रतिबंधों को हटाने और छूट का दायरा बढ़ाने से लोगों को सहूलियत हुई है, लेकिन दिल्ली मेट्रो के यात्रियों को पूरी तरह राहत नहीं मिली है। यात्रियों की मांग है कि मेट्रो में खड़े होकर सफर की छूट मिले, क्योंकि दिल्ली में सबकुछ खोल दिया गया है। मसलन, दिल्ली में पिछले एक सप्ताह से प्राइवेट के बाद सरकारी दफ्तर भी 100 फीसद क्षमता के साथ खुल गए हैं। ऐसे में लोग आवाजाही के लिए मेट्रो ट्रेनों में सफर को तरजीह दे रहे हैं, लेकिन सिर्फ 100 प्रतिशत सिटिंग क्षमता के साथ रफ्तार भर रही मेट्रो में यात्रियों को दिक्कत आ रही है। इसके चलते स्टेशनों के बाहर फिर लंबी-लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई हैं। लोगों को कहना है कि जब दिल्ली में सिनेमा हाल, बार और रेस्तरां पूरी तरह से खोल दिए गए हैं तो दिल्ली मेट्रो में भी खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति दी जाए, चाहे वह कम संख्या के साथ ही क्यों नहीं हो? आइये जानते हैं दिल्ली को पूरी क्षमता के साथ चलाने पर क्या कहते हैं दिल्ली के युवा-युवतियां।
कोरोना के मामले घटे तो लोगों को राहत मिलनी ही चाहिए
दिल्ली के माडल डाउन की रहने वालीं मोनिका राणा का कहना है कि दिल्ली में सड़कों पर निकलिये तो सबकुछ सामान्य नजर आता है। लोगों का कारोबार भी शुरू हो चुका है और नौकरी भी सुचारु रूप से जारी है। ऐसे में दिल्ली मेट्रो पूरी क्षमता के साथ नहीं चल रही है। सच बात तो यह है कि लोगों के पास अपना निजी वाहन हो तो भी जाम और समय बचाने के लिए दिल्ली मेट्रो में सफर करना पसंद करते हैं। मेरी राय में दिल्ली मेट्रो रेल निगम को सामान्य तौर पर मेट्रो ट्रेनों को संचालन करना चाहिए।
दिल्ली की लाइफलाइन बिना कैसी लाइफ
दक्षिणी दिल्ली के बदरपुर के रहने वाले राजेंद्र रौतेला का कहना है कि दिल्ली मेट्रो दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों की लाइफलाइन है। ऐसे में आप बिना लाइफलाइन के लिए लोगों की लाइफ रफ्तार पकड़ेगी, इसकी उम्मीद कैसे की जा सकती है। डीएमआरसी की ट्रेनों में पूरी क्षमता के साथ चलें तो लोगों को ज्यादा फायदा होगा, इसके साथ दिल्ली मेट्रो और दिल्ली और केंद्र सरकार की कमाई भी होगी।
सबकुछ हो रहा सामान्य
यमुना विहार निवासी रजत मडाड की मानें तो दिल्ली मेट्रो पूरी क्षमता के साथ चलनी चाहिए, क्योंकि लोगों की जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। इसके साथ कामकाज और नौकरियां भी सामान्य होने लगी हैं।
दफ्तर जाने में होती है दिक्कत
भजनपुरा की रहने वाली निधि परमार का कहना है कि कामकाज के सिलसिले में हफ्ते में 6 दिन तो दफ्तर जाना ही होता है। भीड़ अधिक होती है और ट्रेनों में जगह कम, जिससे डीएमआरसी को ट्रेनों का परिचालन तत्काल सामान्य रूप से करना चाहिए।
लोगों का सफर आसान करे डीएमआरसी
गुरुग्राम से दिल्ली का सफर करने वाले गोविंद कहते हैं कि दिल्ली-एनसीआर का सफर अपने वाहन से करना बेहद महंगा पड़ता है, ऐसे में लोग दिल्ली मेट्रो में सफर करना पसंद करते हैं। ऐसे में दिल्ली मेट्रो फिर से पूर्व की तरह चले तो लोगों को आसानी हो।
गौरतलब है कि फिलहाल दिल्ली मेट्रो की ट्रेनों में 100 फीसद सिटिंग कैपिसिटी के साथ यात्रा हो रही है। इसके साथ खड़े होकर यात्रा करने की छूट नहीं है। इस तरह दिल्ली मेट्रो में सिर्फ 50 प्रतिशत से कुछ अधिक ही यात्री सफर कर पा रहे हैं।