Indian Economy: निर्मला सीतारमण ने कहा कि महमारी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट के बावजूद सरकार खुदरा मुद्रास्फीति को 6.2 फीसदी पर काबू में रखने में सफल रही है.
Indian Economy: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महमारी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट के बावजूद सरकार खुदरा मुद्रास्फीति को 6.2 फीसदी पर काबू में रखने में सफल रही है. वित्त मंत्री ने राज्यसभा में आम बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 का बजट अर्थव्यवस्था में स्थिरता, निरंतरता तथा कराधान के मामले में भरोसा लाने के लिए है. बजट का मकसद सतत आर्थिक पुनरूद्धार हासिल करना है.
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खुदरा मुद्रास्फीति की दर 9.1 फीसदी
वित्त मंत्री ने सरकार के प्रदर्शन की तुलना करते हुए कहा कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति की दर 9.1 फीसदी थी, जबकि कोविड महामारी के दौरान यह 6.2 फीसदी रही. हालांकि, कोविड-19 महामारी का अर्थव्यवस्था पर कहीं अधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
अर्थव्यवस्था को हुआ नुकसान
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को महामारी के कारण 9.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ जबकि 2008-09 में वैश्विक नरमी के समय 2.12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. सीतारमण ने यह भी कहा कि राजस्व व्यय की तुलना में पूंजीगत व्यय का प्रभाव व्यापक होता है और इसलिए सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में वृद्धि पर जोर दिया है.
मनरेगा के लिए 73,000 करोड़ रुपये का आबंटन
सार्वजनिक व्यय के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि 7.5 लाख करोड़ रुपये के व्यय से व्यापक स्तर पर रोजगार सृजित होंगे. उन्होंने कहा कि मनरेगा मांग आधारित कार्यक्रम है. इसके लिये 73,000 करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है और अगर मांग बढ़ती है, राशि बढ़ायी जाएगी. सीतारमण ने कहा कि उर्वरक सब्सिडी के लिये 2021-22 के बजट में 79,530 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जो संशोधित अनुमान में बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह बताता है कि सरकार जरूरत का ध्यान रखती है और आवश्कता अनुसार कदम उठाती है.
MSME लॉकडाउन की वजह से हुए बंद
विपक्षी दलों के छोटे उद्योगों के बंद होने के आरोप पर उन्होंने कहा कि 67 फीसदी MSME ‘लॉकडाउन’ की वजह से अस्थायी रूप से बंद हुए थे. सीतारमण ने कहा कि 2014 में राजग के सत्ता में आने के बाद केवल छह बार मुद्रास्फीति संतोषजनक सीमा 6 फीसदी से ऊपर गयी है. यह बताता है कि महंगाई दर प्रबंधन मजबूत है.
GDP 9.2 फीसदी रहने का अनुमान
उल्लेखनीय है कि सरकार ने रिजर्व बैंक को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दो फीसदी घट-बढ़ के साथ चार फीसदी पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी हुई है. उन्होंने कहा कि नरमी या मंदी का सवाल ही नहीं है क्योंकि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 9.2 फीसदी रहने का अनुमान है.
क्या क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगी पाबंदी?
वित्त मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में कहा कि इस पर पाबंदी लगेगी या नहीं, यह निर्णय जारी विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘यह वैध है या नहीं, यह अलग सवाल है लेकिन मैंने इससे प्राप्त लाभ पर कर लगाने का प्रस्ताव किया है क्योंकि यह हमारा संप्रभु अधिकार है.’’ कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह भारतीय कृषि को बेहतर और आधुनिक बनाने में कारगर साबित होगा.