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क्या सूचना देने में देरी के आधार पर क्लेम रिजेक्ट कर सकती है बीमा कंपनी? SC ने दिया ये फैसला

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क्या इंश्योरेंस कंपनियां चोरी की जानकारी देने में देरी होने के आधार पर किसी को क्लेम देने से इनकार कर सकती हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को बेहद अहम फैसला सुनाया. 

नई दिल्ली: क्या इंश्योरेंस कंपनियां चोरी की जानकारी देने में देरी होने के आधार पर किसी को क्लेम देने से इनकार कर सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मुद्दे पर शुक्रवार को अहम फैसला दिया.

क्लेम रिजेक्शन पर SC का अहम फैसला

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को फैसला देते हुए कहा कि अगर किसी के यहां चोरी हो गई और उससे चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाने में समय लग जाए तो कोई भी बीमा कंपनी देरी से जानकारी देने के आधार क्लेम रिजेक्ट नहीं कर सकतीं. 

बीमा कंपनी खारिज कर दिया था क्लेम

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का यह अहम फैसला एक कंपनी की उस अपील पर आया, जिसके बीमित ट्रक को 4 नवम्बर, 2007 को लूट लिया गया गया था. कंपनी की ओर से अगले दिन पुलिस में केस दर्ज करवाया गया. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को तो अरेस्ट कर लिया था, लेकिन ट्रक बरामद नहीं हो सका था. 

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सूचना देने में देरी को बनाया था आधार

इसके बाद ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (Oriental Insurance Company Limited) ने बीमा दावे को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि ट्रक चोरी की घटना की जानकारी एक दिन बाद दी गई थी. 

NCDRC में भी केस जीत गई थी कंपनी

पीड़ित कंपनी ने इसके खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) में केस दर्ज करवाया लेकिन वहां पर बीमा कंपनी ने मुकदमा जीत लिया था. इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए कंपनी ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. 

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SC ने बीमा कंपनी के फैसले को बताया गलत

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ (Supreme Court)  ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए  NCDRC के फैसले को निरस्त कर दिया. कोर्ट ने कहा कि महज सूचना देने में विलंब के आधार पर कोई क्लेम रिजेक्ट नहीं हो सकता, अगर केस में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई हो. खंडपीठ की ओर से फैसला जस्टिस त्रिवेदी ने लिखा. 

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