दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार (Delhi Govt) रोजगार की तलाश में राजधानी दिल्ली आने वाले प्रवासी श्रमिकों (Migrant Workers) की सुविधा के लिए राहत भरा एक बड़ा कदम उठाने जा रही है।
दिल्ली सरकार प्रवासी श्रमिकों को एक ही छत के नीचे आधार कार्ड, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तिगत दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए ‘प्रवासी श्रमिक सहायता केंद्र’ (Migrant Workers Support Centres) शुरू करने जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि श्रम विभाग ने राजधानी में ऐसे तीन केंद्र शुरू करे की योजना बनाई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पहला सेंटर झिलमिल कॉलोनी में दिल्ली सरकार के श्रम आयुक्त के कार्यालय में पायलट आधार पर खोला जाएगा।
इसके बाद कालकाजी और करमपुरा में दो और केंद्र खोलने की योजना है। उन्होंने कहा कि बाद में इसे शहर में प्रवासी श्रमिकों की बढ़ती संख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जिला स्तर पर भी स्थापित किया जा सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि केंद्र अन्य राज्यों से दिल्ली आने वाले श्रमिकों को आधार कार्ड, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने में मदद करेगा, जिसके लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ता है और अक्सर दलालों का शिकार होना पड़ता है।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने झिलमिल कॉलोनी में केंद्र के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि निर्माण की लागत 1.86 करोड़ रुपये आंकी गई है। अधिकारियों ने कहा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा एक सफल बोलीदाता के चयन के बाद इस केंद्र के सात महीने में तैयार होने की उम्मीद है।
दिल्ली में COVID-19 महामारी की पहली लहर के दौरान मार्च 2020 में लॉकडाउन लागू होने के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों ने दिल्ली छोड़ दी थी। अधिकारियों को कठिन स्थिति से निपटने में समय लगा क्योंकि कई श्रमिकों के पास कोई सामाजिक सुरक्षा कवर नहीं था, इसलिए उन्होंने अपने गांवों में वापस जाना ही बेहतर समझा।
अधिकारियों ने कहा कि नवागंतुक प्रवासी श्रमिकों (Newcomer Migrant Workers) को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के अलावा, केंद्र उन्हें कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकरण और सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने में भी मदद करेंगे।