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पाकिस्तान-चीन बॉर्डर की निगरानी के लिए बड़ा फैसला, ISRO को मिल सकता है ये निर्देश

देश की सीमाओं की रखवाली के लिए केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया है. इसके तहत अब चीन (China) और पाकिस्तान की सीमा (Pakistan Border) पर निगरानी के लिए गृह मंत्रालय इसरो की मदद लेगा.

  • MHA ने लिया अहम फैसला
  • इसरो के साथ अहम बैठक
  • पाकिस्तान-चीन सीमा पर फोकस

नई दिल्ली: देश की सीमाओं की रखवाली के लिए केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया है. इसके तहत अब चीन (China) और पाकिस्तान की सीमा (Pakistan Border) पर निगरानी के लिए गृह मंत्रालय इसरो की मदद लेगा. ज़ी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक इस सैटलाइट प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने के लिए गृह मंत्रालय ने इसरो (ISRO) और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक बुलाई है.

‘मौसम नहीं बन पाएगा मजबूरी’

इस बैठक का मकसद जल्द से जल्द इसरो की मदद से सेटेलाइट को लांच कराना है. देखा जाए तो भारत-चीन सीमा (India-China Border) पर खराब रास्तों और कम्युनिकेशन की बेहतर सुविधा ना होने की वजह से कई बार जवानों के लिए बॉर्डर एरिया तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. अक्सर खराब मौसम और बर्फबारी होने की वजह से भी सर्दियों के मौसम में भारत और चीन के सीमावर्ती इलाकों पर नजर रखने में काफी दिक्कतें आती हैं.

‘सेटेलाइट से सीधी निगरानी’

ऐसे में गृह मंत्रालय ने यह फैसला किया है कि वह स्पेस प्रोजेक्ट के तहत इसरो की मदद से अपना खास सेटेलाइट लॉन्च कराएगा जिसके जरिए सीमावर्ती इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बलों के जवानों को बेहतर कम्युनिकेशन सुविधा मुहैया होने के साथ सरहद की निगरानी भी उसी सेटेलाइट के जरिए संभव हो सकेगी. सूत्रों के मुताबिक जिस सेटेलाइट को लाच कराया जाएगा उसमें बेहद शक्तिशाली कैमरे और कम्युनिकेशन सिस्टम पर लगे होंगे जिससे सीमा की निगरानी आसान हो जाएगी.

इन अधिकारियों की मौजूदगी

बैठक में आईबी चीफ अरविंद कुमार  समेत सीआरपीएफ,बीएसएफ,आईटीबीपी और एसएसबी के भी अधिकारी होगें शामिल. बैठक में ISRO के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस अरुनन भी मौजूद रहेंगे. जानकारी के मुताबिक 2019 में गृह मंत्री ने स्पेस प्रोजेक्ट के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई थी.

इसका मकसद स्पेस प्रोजेक्ट के तहत जल्द से जल्द इसरो की मदद से सीमा की निगरानी मजबूत करने के लिए सेटेलाइट और कम्युनिकेशन सिस्टम को मजबूत करना था. माना जा रहा है की इस बैठक में गृह मंत्रालय इसरो से कहेगा कि वह इस प्रोजेक्ट का काम जल्द से जल्द शुरू करे. 

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