Hospital In Delhi: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इसी साल 7 नए अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे. इन अस्पतालों के बन जाने से दिल्ली में 7000 नए बेड तैयार हो जाएंगे.
Delhi News: राजधानी दिल्ली में जल्द तैयार हो जाएंगे 7 नए अस्पताल, आधुनिक सुविधाओं से लैस इन अस्पतालों में होंगे इतने नए बेड
Delhi News Hospital: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में आने वाले कुछ महीनों में 7 नए अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे, जिनको लेकर तेजी से काम चल रहा है. यह 7 अस्पताल दिल्ली के सरिता विहार, शालीमार बाग, सुल्तानपुरी, किराड़ी, रघुवीर नगर, जीटीबी अस्पताल कॉम्प्लेक्स, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय काम्प्लेक्स में बनाए जा रहे हैं. इन अस्पतालों के बन जाने के बाद दिल्ली वासियों को 6834 बेड की सुविधा मिल सकेगी, जो कि आईसीयू और नॉन आईसीयू दोनों सुविधाओं के साथ इस्तेमाल किए जा सकेंगे.
दिल्ली सरकार ने इन अस्पतालों के निर्माण को लेकर पिछले साल कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसके बाद इन अस्पतालों का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. इस बात की संभावना है कि इस साल तक यह अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे, और इन अस्पतालों के बनने के बाद दिल्ली के अस्पतालों में बेड की क्षमता करीब 70 फ़ीसदी तक बढ़ जाएगी, मौजूदा समय में दिल्ली में सरकारी अस्पतालों में लगभग 10,000 आईसीयू बेड हैं.
कुल 690 करोड़ के बजट का अनुमान
जानकारी के मुताबिक चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय और जीटीबी अस्पताल परिसर में अलग से इन अस्पतालों के लिए निर्माण कार्य किया जा रहा है, वहीं अन्य अस्पताल सरिता विहार, शालीमार बाग, रघुबीर नगर, किराड़ी और सुल्तानपुरी में बनाए जा रहे हैं. पिछले साल इन अस्पतालों को बनाए जाने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से प्रस्ताव पास किया गया, जिसकी कुल लागत 690 करोड़ से अधिक आने का अनुमान है. वहीं जानकारी के मुताबिक पहला अस्पताल इस साल जून तक बनकर तैयार हो जाएगा और बाकी अन्य अस्पताल इस साल सितंबर महीने तक बनकर तैयार हो सकते हैं.
दिल्ली के इन 7 अस्पतालों में सरिता विहार अस्पताल जो कि 2.7 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है, जिसके बन जाने के बाद 336 बेड बनकर तैयार हो जाएंगे, वहीं शालीमार बाग में 11.5 एकड़- 1430 बेड, सुल्तानपुरी में 2.5 एकड़- 525 बेड, किराड़ी में 2.7 एकड़- 458 बेड, रघुवीर नगर में 9 एकड़ -1577 बेड, ज़ीटीबी अस्पताल कॉन्प्लेक्स में 6 एकड़ -1912 बेड, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय कॉन्प्लेक्स में 2.3 एकड़- 596 बेड बनाए जा रहे हैं.
आईसीयू और नॉन आईसीयू दोनों तरह के बेडों की होगी सुविधा
दिल्ली सरकार के मुताबिक इन अस्पतालों के बन जाने के बाद दिल्ली के दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों को घर के नजदीक ही अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी, इन अस्पतालों में आईसीयू और नॉन आईसीयू दोनों बेड की सुविधा होगी. दिल्ली सरकार ने पिछले साल कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए इन अस्पतालों को बनाए जाने का फैसला लिया था, लेकिन यह अस्पताल केवल कोविड अस्पताल नहीं होंगे, बल्कि यहां ओपीडी, वार्ड ब्लॉक आदि की सुविधा भी होगी. इसके साथ ही अस्पतालों के सभी बेड ऑक्सीजन युक्त होंगे, अस्पतालों में मौजूद हर एक बेड के पास कैमरे लगाए जाएंगे जिससे कि बेहतर निगरानी रखी जा सकेगी.
खास सुविधाओं से लैस होंगे अस्पताल
PWD अधिकारियों के मुताबिक इन अस्पतालों को पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल के साथ बेहतर बिल्डिंग मैटेरियल से बनाया जा रहा है, इनकी बिल्डिंग पूरी तरीके से मॉड्यूलर हैं जो कौशल और तेजी से निर्माण कार्य में मदद करती है. कंक्रीट के लिए तैयार रेडीमेड ब्लॉग्स का इस्तेमाल किया गया है जो बेहद मजबूत है. इन्हें कारखानों में बनाया जाता है, और फिर कंस्ट्रक्शन साइट पर अंतिम आकार देकर जोड़ते हैं, यह काफी मजबूत होते हैं. वहीं पिछले साल पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों के साथ एक बैठक में यह निर्देश दिया था कि सभी अस्पतालों में ग्रीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STPs) बनाए जाएं, जिससे कि यह पूरी तरीके से किसी भी अप्रिय गंध से रहित हों और कम बिजली खपत वाले हो, साथ ही सभी ग्रीन बिल्डिंग नॉर्म्स का पालन करते हुए ही यह अस्पताल बनाए जा रहे हैं.