All for Joomla All for Webmasters
राजस्थान

‘जल जीवन मिशन’ को लेकर कांग्रेस का BJP पर तंज-अधिकारियों का मनोबल न गिराएं सासंद

इस मामले को लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामचरण मीणा, बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल, किशनगंज विधायक निर्मला सहरिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है.

Baran: बारां के जलवाड़ा कस्बे में केन्द्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत नवनिर्मित टंकी, स्वच्छ जलाशय एवं पम्प हाउस का लोकार्पण जिला प्रमुख उर्मिला जैन भाया से करवाए जाने पर सांसद दुष्यंतसिंह द्वारा नाराजगी जताते हुए जिला कलक्टर से इसकी शिकायत की गई है. इसको लेकर कलेक्टर ने सोमवार को जलदाय विभाग के एसई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

इधर, इस मामले को लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामचरण मीणा, बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल, किशनगंज विधायक निर्मला सहरिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है. जिसमें यह बताया गया है कि विधानसभा क्षेत्र किशनगंज तहसील के ग्राम जलवाड़ा में पहले जनता जल योजना पैटर्न पर पेयजल योजना ग्राम पंचायत द्वारा संचारित की जा रही थी. 

पेयजल योजनाओं में हमेशा ही केन्द्र व राज्य की सरकार मिलकर योजनाएं बनाती रही है. कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय राष्ट्रीय ग्रामीण पेजयल योजना में केन्द्र का हिस्सा 90 प्रतिशत व राज्य का हिस्सा 10 प्रतिशत था. भाजपा की सरकार ने आकर इस हिस्से को 50-50 कर दिया और राज्य पर आर्थिक बोझ को बढ़ा दिया. जल जीवन मिशन में भी यही अनुपात है और जलवाड़ा की इस पेयजल योजना में 45 प्रतिशत राज्य सरकार का तथा 45 प्रतिशत केन्द्र सरकार एवं 10 प्रतिशत ग्रामीणों का जन सहयोग का अंशदान शामिल है.

तीनों नेताओं ने बताया कि योजना में टंकी, नलकूप, पम्प हाउस सभी की जमीनें राज्य को देनी होती है. उसमें केन्द्र का कोई हिस्सा नहीं है. योजना के रख-रखाव में भी केन्द्र का कोई हिस्सा नहीं है. इस प्रकार केन्द्र का वास्तविक हिस्सा 45 प्रतिशत से कही कम है और योजना का अधिकांश भाग राज्य पर है. इस योजना को केन्द्र की योजना कहना सांसद द्वारा जनता से झूठ बोलने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है.

नेताओं के मुताबिक पूर्व की भांति पेयजल योजनाओं में केन्द्र का हिस्सा 90 प्रतिशत करने हेतु हमारे मुख्यमंत्री कई बार केन्द्र को पत्र लिख चुके है. साथ ही, प्रधानमंत्री जी को व्यक्तिगत निवेदन भी कर चुके परन्तु खेद का विषय है कि राजस्थान से चुनकर गए भाजपा के 25 सांसद चुप्पी साधे बैठे हुए हैं. तीनों नेताओं ने कहा कि हमें खुशी होती यदि हमारे सांसद केन्द्र सरकार से इस बात पर लड़ाई लड़ते कि राजस्थान में पेयजल की स्थिति विकट है तथा योजनाओं की लागत ज्यादा आती है. केन्द्र की हिस्सा राशि जल जीवन मिशन में 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत की जाए लेकिन एक भी सांसद इस बारे में नहीं बोला.

तीनों नेताओं ने कहा कि पेयजल, सड़क और स्वास्थ्य आदि जो आम जनता से जुड़े हुए विकास के कार्य है उनमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. यदि कोई योजना बन जाए तो उसका जल्दी से जल्दी लाभ जनता को मिलना चाहिए. जनता किसी सांसद या जनप्रतिनिधि द्वारा उदघाटन का इंतजार करती रहे और योजना के लाभों से वंचित रहे तो यह अच्छी बात नहीं है.

जिस प्रकार सांसद पूरे जिले का और हमारे सांसद तो दो-दो जिलों का प्रतिनिधित्व करते है, ठीक उसी तरह जिला प्रमुख भी पूरे जिले का प्रतिनिधित्व करती है. जनता से जुड़ी योजना का लाभ जनता को जल्दी से जल्दी मिल सके इस बारे में यदि वो अधिकारियों से निरन्तर मॉनेटरिंग कर योजनाएं चालू करवाने का प्रयास करती है तो इसका हम सभी स्वागत करते हैं.

फिर भी सांसद हमारे सम्मानीय है और यदि वे भविष्य में जनहित की योजनाओं में हिस्सा लेने के लिए आगे आना चाहेंगे तो हमारा प्रयास रहेगा कि उन्हें भी सूचित किया जाए. कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामचरण मीणा, बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल, किशनगंज विधायक निर्मला सहरिया ने सांसद दुष्यंत सिंह से आग्रह करते हुए कहा कि सांसद अधिकारियों का मनोबल ना गिराएं. बल्कि जो अधिकारी योजनाओं को जल्दी से पूरा करने का प्रयास कर जनता को लाभ पहुंचाने का कार्य कर रहे है, उनका मनोबल बढाएं.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top