Russia Ukraine War: नाटो के मुद्दे पर यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग (Russia Ukraine War) में डराने वाली खबर सामने आई है. यूक्रेन के चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट में रेडिएशन (Chernobyl Nuclear Power Plant Radiation) का लेवल बेहद खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है, जिससे लाखों लोगों की मौत का खतरा पैदा हो गया है.
- 100 गुणा बढ़ गया रेडिएशन का लेवल
- चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट का मामला
- 1986 में हो गया था प्लांट में विस्फोट
कीव: नाटो के मुद्दे पर यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग (Russia Ukraine War) में डराने वाली खबर सामने आई है. यूक्रेन ने दावा किया है कि रूसी कब्जे के बाद चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट में रेडिएशन (Chernobyl Nuclear Power Plant Radiation) का लेवल 100 गुणा तक ज्यादा बढ़ गया है. जिससे यूक्रेन, बेलारूस, रूस, पोलैंड समेत आसपास के देशों की आबादी को बड़ा खतरा पैदा हो गया है.
100 गुणा बढ़ गया रेडिएशन का लेवल
यूक्रेन की न्यूक्लियर एनर्जी रेग्युलेटरी एजेंसी ने दावा किया कि चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट में रेडिएशन (Chernobyl Nuclear Power Plant Radiation) का सामान्य लेवल 3,150 होता है. लेकिन रूस की सेना के कब्जे के बाद इस प्लांट में रेडिएशन का लेवल बढ़कर 92,700 हो गया है. एजेंसी ने कहा कि रेडिएशन का बढ़ता लेवल यूक्रेन समेत आसपास के पड़ोसी देशों की आबादी के लिए बड़ा खतरा है और इसका जिम्मेदार केवल रूस है.
चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट का मामला
बताते चलें कि चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट यूक्रेन के प्रिपयेत (Pripyat) शहर में स्थित है. इस शहर को सोवियत संघ के दौर में 1970 में बसाया गया था. चेर्नोबिल प्लांट (Chernobyl Nuclear Power Plant) राजधानी कीव से 108 किलोमीटर दूर उत्तर में हैं. जबकि बेलारूस की सीमा से इसकी दूरी महज 20 किलोमीटर है.
1986 में हो गया था प्लांट में विस्फोट
सोविय संघ ने चेर्नोबिल में न्यूक्लियर प्लांट (Chernobyl Nuclear Power Plant) लगाया था. अप्रैल 1986 में इस प्लांट के चौथे रिएक्टर में विस्फोट हुआ और छत उड़ गई. इसके साथ ही पूरे शहर में तेजी से रेडिएशन फैल गया था. शुरुआत में अधिकारियों ने इस घटना को छुपाए रखा. करीब डेढ़ दिन बाद अफसरों ने इमरजेंसी घोषित कर शहर में रहने वाले 50 हजार लोगों को तुरंत घर छोड़कर दूसरे शहरों में जाने का आदेश दिया.
करीब 90 हजार लोगों की हो गई थी मौत
उस हादसे में न्यूक्लियर प्लांट (Chernobyl Nuclear Power Plant) पूरी तरह तबाह हो गया था. इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों की सही जानकारी आज तक सामने नहीं आई है. लेकिन माना जाता है कि सीधे या अप्रत्यक्ष तौर पर 90 हजार से ज्यादा लोगों की इस घटना में मौत हो गई थी.
रूस की सेनाओं ने कर लिया था कब्जा
रूस की सेनाओं ने यूक्रेन की राजधानी कीव को घेरने के लिए बेलारूस बॉर्डर की तरफ से अटैक किया. उसी दौरान रास्ते में पड़ने वाले चेर्नोबिल शहर और न्यूक्लियर पावर प्लांट (Chernobyl Nuclear Power Plant) को अपने कब्जे में ले लिया. तब से यह शहर और प्लांट रूसी सेनाओं के अधिकार में है. ऐसे में रेडिएशन को कंट्रोल करने के लिए भी रूस को जिम्मेदार बताया जा रहा है.