नई दिल्ली, पीटीआइ। Amazon-Future retail के बीच डील को लेकर चल रही मुकदमेबाजी के बीच मुकेश अंबानी की नेतृत्व वाली Relianc Industries ने बड़ा फैसला लिया है। RIL ने फ्यूचर रिटेल स्टोर्स की कमान अपने हाथ में ले ली है और अपने कर्मचारियों को नौकरियों की पेशकश तक कर डाली है। किशोर बियानी के नेतृत्व वाला समूह ई-कॉमर्स प्रमुख Amazon के साथ अपने कारोबार की बिक्री को लेकर अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।
सूत्रों ने कहा कि रिलायंस रिटेल ने उस परिसर का कब्जा लेना शुरू कर दिया है, जिसमें फ्यूचर रिटेल अपने स्टोर जैसे बिग बाजार (Big Bazar) को चला रहा है और उन्हें अपने ब्रांड स्टोर से बदल दिया है। उन्होंने कहा कि इसने फ्यूचर रिटेल स्टोर्स के कर्मचारियों को नौकरी देना और उन्हें रिलायंस रिटेल के पेरोल पर लाना भी शुरू कर दिया है। अमेजन ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
अगस्त 2020 में सौदे की घोषणा के बाद कई लैंडलॉर्ड ने रिलायंस से संपर्क किया क्योंकि फ्यूचर रिटेल किराए का पेमेंट करने में असमर्थ था। इसके बाद रिलायंस ने इन लैंडलॉर्ड के साथ लीज समझौतों पर हस्ताक्षर किए और जहां भी संभव हो, इन परिसरों को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को सब-लीज पर दे दिया ताकि इसका कारोबार जारी रह सके।
सूत्रों ने बताया कि ये सभी स्टोर घाटे में चल रहे हैं, जिन्हें रिलायंस अपने कब्जे में ले रही है और शेष स्टोर FRL द्वारा संचालित होते रहेंगे। इस तरह, एफआरएल का परिचालन घाटा कम हो जाएगा और यह जारी रह सकता है। हालांकि, अबतक रिलायंस रिटेल के अंतर्गत आने वाले स्टोरों की सही संख्या का पता नहीं चल सका है। सूत्र के अनुसार, रिलायंस ऐसे परिसरों का मूल्यांकन और उपयोग करेगी, जो व्यावसायिक रूप से चल पाएंगे। ऐसा करने पर रिलायंस लगभग 30,000 स्टोर कर्मचारियों को फिर से नियुक्त करेगी, जो अपनी नौकरी खो देते।