पिछले कुछ सालों में साइबर अपराधी लोगों को अलग-अलग तरह से अपना शिकार बना रहे हैं. देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सरकार भी लगातार कोशिश कर रही है.
देश में कोरोना महामारी ने बहुत कुछ बदल दिया. उसी में से एक हैं बैंकिंग (Banking Process) का तरीका. पिछले कुछ सालों में देश में तेजी से डिजिटलाइजेशन (Digitalisation) बढ़ा है. आजकल लोग कैश ट्रांसजेक्शन (Cash Transaction) से ज्यादा ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करना पसंद करते हैं. भारत सरकार भी लोगों से ज्यादा से ज्यादा डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल कर पैसे ट्रांसफर करने की अपील करती है. ऐसे में देश में बढ़ते क्रेडिट कार्ड (Credit Card), डेबिट कार्ड (Debit Card), यूपीआई पेमेंट (UPI Payment), नेट बैंकिंग (Net Banking) के दायरे के कारण साइबर अपराधों (Cyber Crime) की संख्या में बी तेजी से बढ़तरी हुई है.
देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सरकार भी लगातार कोशिश कर रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) की साइबर सेफ्टी विभाग (Cyber Security Department) की भी शुरुआत की है. इसके द्वारा लोगों को अलग-अलग तरह के साइबर अपराधों के बारे में सतर्क करने की कोशिश की जा रही है. साइबर सेफ्टी विभाग के ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त (Cyber Dost) लोगों को अलग-अलग तरह के साइबर फ्रॉड से आगाह करने की कोशिश करता रहता है.
Cyber dost ने यूजर्स को साइबर अपराधों से सुरक्षित रहने के लिए आगाह किया है. इसके साथ ही किसी तरह के फ्रॉड होने की स्थिति में बताया है कि नागरिक अपने साथ हुए फ्रॉड की शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर सकते हैं. सरकार पहले 155260 इस नंबर को जारी किया था जिसमें बदलाव किया गया है. आप यहां अपने साथ हुए किसी तरह के साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
इस तरह खुद को रखें साइबर अपराध से सुरक्षित-
- खुद को साइबर अपराध से बचाने और अपने खाते को सुरक्षित रखने के लिए किसी के साथ भी अपनी निजी जानकारी न शेयर करें.
- किसी व्यक्ति को कॉल, मैसेज आदि पर अपने आधार नंबर (Aadhaar Card), पैन नंबर (PAN Card), बैंक डिटेल्स (Bank Details) जैसे एटीएम पिन नंबर, सीवीवी नंबर, अकाउंट नंबर, पासवर्ड आदि को बिल्कुल न शेयर करें.
- किसी तरह के साइबर फ्रॉड होने की स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करें.