New PF Rules: 1 अप्रैल से सभी मौजूदा पीएफ अकाउंट्स को टैक्सेबल और नॉन-टैक्सेबल कॉन्ट्रिब्यूशन अकाउंट्स में बांटा जाएगा. सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के एंप्लाई कॉन्ट्रिब्यूशन से पीएफ इनकम पर नया टैक्स लागू करने के लिए आईटी नियमों के तहत एक नई धारा 9डी शामिल की गई है.
- नौकारीपेशाओं के लिए जरूरी खबर
- 1 अप्रैल से इन PF अकाउंट्स पर लगेगा टैक्स
- हाई इनकम वालों को लगेगा झटका
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नई दिल्ली: PF New Rules: नौकरी करने वालों के लिए बेहद जरूरी खबर है. अगर आप भी एम्प्लॉयी हैं तो निश्चित ही एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन या ईपीएफओ (Employees’ Provident Fund Organization) में आपका अकाउंट होगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब पीएफ खाते पर भी टैक्स लगेगा. पीएफ खाते में आपके वेतन का कुछ हिस्सा जमा होता है. लेकिन अब पीएफ (PF) के नियमों में कुछ नए बदलाव होने वाले हैं. 1 अप्रैल, 2022 से मौजूदा पीएफ अकाउंट्स को दो भागों में बांटा जा सकता है.
इन PF अकाउंट्स पर लगेगा टैक्स
गौरतलब है कि पिछले साल सरकार ने नए इनकम टैक्स नियमों को नोटिफाई किया था. अब इसके तहत पीएफ अकाउंट्स को दो हिस्सों में बांटा जाएगा. इनमें केंद्र को सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के एंप्लाई कॉन्ट्रिब्यूशन (Employee Contributions) होने की स्थिति में पीएफ इनकम पर टैक्स लगाया जाएगा. दरअसल, हाई इनकम वाले लोगों को सरकारी वेलफेयर स्कीम का फायदा लेने से रोकना ही नए नियमों का उद्देश्य है.
जानिए नए PF नियमों के मुख्य बातें-
– मौजूदा पीएफ अकाउंट्स को टैक्सेबल और नॉन-टैक्सेबल कॉन्ट्रिब्यूशन अकाउंट्स में बंट जाएंगे.
– नॉन-टैक्सेबल अकाउंट्स में उनका क्लोजिंग अकाउंट भी शामिल होगा क्योंकि इसकी तारीख 31 मार्च, 2021 होती है.
– नए पीएफ नियम अगले वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल, 2022 से लागू हो सकते हैं.
– सालाना ₹ 2.5 लाख से ज्यादा के एंप्लाई कॉन्ट्रिब्यूशन से पीएफ इनकम पर नया टैक्स लागू करने के लिए आईटी नियमों के तहत एक नई धारा 9डी शामिल की गई है.
– टैक्सेबल ब्याज गणना के लिए मौजूदा पीएफ अकाउंट में दो अलग-अलग अकाउंट भी बनाए जाएंगे.
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इन टैक्सपेयर्स को फर्क नहीं पड़ेगा
आपको बता दें कि इस नए नियम के लागू होने के बाद, 2.5 लाख रुपये की लिमिट का फायदा ज्यादातर पीएफ सब्सक्राइबर्स को होगा. लेकिन छोटे और मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर्स को नए नियम से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यह मुख्य रूप से हाई इनकम वाले कर्मचारियों को प्रभावित करेगा. यानी अगर आपकी सैलरी कम है या एवरेज है तो आपको इस नए नियम से फरक नहीं पड़ेगा.