Ukraine Russia War: प्रस्ताव लाने वाले ये उम्मीद लगाए बैठे हैं कि 100 से अधिक देश इसके समर्थन में होंगे. ऐसा माना जा रहा है कि सीरिया, चीन, भारत, क्यूबा जैसे देश या तो मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे.
Ukraine Russia War: यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस को दुनिया के कई देशों से अलगाव झेलना पड़ रहा है. सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्य देशों की बहस देखने को मिली. इस बहस के केंद्र में था कि रूस जल्द से जल्द यूक्रेन पर अपने हमले को खत्म करे. वहीं इस स्पेशल सेशन में एक बार फिर रूस अपने फैसले का बचाव करता नजर आया. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत भावुक नजर आए और उन्होंने रूसी सैनिकों का कथित तौर पर अपने परिवार को भेजा गया मैसेज भी पढ़कर सुनाया. मैसेज में एक रूसी सैनिक अपने आखिरी मैसेज में अपनी मां को बता रहा है कि आखिर वो कितना डरा हुआ है.
इस दौरान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एटोनियो गुटेरेस युद्ध खत्म करने की अपील करते नजर आए. उन्होंने काह, ”यूक्रेन में लड़ाई बंद होनी ही चाहिए, बस बहुत हो गया.” इस सेशन में 100 से अधिक देश के प्रतिनिधि तीन दिनों तक अपनी बात रखेंगे और ये तय किया जाएगा कि संयुक्त राष्ट्र उस प्रस्ताव का समर्थन करेगा या नहीं जो रूस को यूक्रेन से अपने सैनिकों को बुलाने की मांग करता है. इसके लिए वोटिंग बुधवार को हो सकती है, प्रस्ताव पास होन के लिए दो तिहाई मतों की जरूरत होगी. ऐसा नहीं है कि प्रस्ताव बाध्यकारी है, मतलब ये कि रूस इस प्रस्ताव के फैसले को मान भी सकता है, नहीं भी मान सकता है लेकिन प्रस्ताव पास होने से ये जरूर साबित होगा कि वो अलग थलग पड़ गया है.
प्रस्ताव लाने वाले ये उम्मीद लगाए बैठे हैं कि 100 से अधिक देश इसके समर्थन में होंगे. ऐसा माना जा रहा है कि सीरिया, चीन, भारत, क्यूबा जैसे देश या तो मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे या रूस को समर्थन देंगे. संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन की राजदूत ने इस दौरान कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर यूक्रेन नहीं बचता है, तो संयुक्त राष्ट्र भी नहीं बचेगा. वहीं यूएन में रूस के राजदूत का कहना है कि वो आइसोलेटेड यानी अलगाव महसूस नहीं कर रहे हैं. उन्होंने रूस के कदम का बचाव करते हुए कहा कि पूर्वी यूरोप में नागरिकों की सुरक्षा के लिए सैन्य अभियान को लॉन्च किया गया था.
इस दौरान यूक्रेन के राजदूत ने रूस के सैनिकों का अंतिम मैसेज बताते हुए कुछ तस्वीरें भी दिखाईं और उन्हें पढ़कर सुनाया. इस दौरान वो भावुक नज़र आए. एक ऐसे ही मैसेज को उन्होंने पढ़ा, जिसे वो एक रूसी सैनिक का अपने घर भेजे गए मैसेज होने का दावा किया. उस मैसेज में था, ”मैं मैं यूक्रेन में हूं, मैं डरा हुआ हूं. वो हमें फासीवादी कहते हैं, मां ये बेहद मुश्किल भरा है.”
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आर्टिकल 2 का उल्लंघन
बता दें कि 24 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले का आदेश दिया. उन्होंने इसे ”सेल्फ डिफेंस” में संयुक्त राष्ट्र के आर्टिकल 51 का हवाला देते हुए लॉन्च किया था. लेकिन पश्चिमी देशों ने रूस के इस तर्क को खारिज कर दिया और संयुक्त राष्ट्र ने भी इसे नकार दिया है. पश्चिमी देश इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आर्टिकल 2 का उल्लंघन बता रहे हैं. यूएन महासभा में ब्रिटेन की राजदूत ने इसे ”बिना कारण वाला और अनुचित” कदम बताया है. उनका कहना है कि ये प्रस्ताव दुनिया के लिए एक संदेश होगा कि जो नियम हम सब मिलकर बनाते हैं उन्हें बचाए ही रखना चाहिए. नहीं तो अगला नंबर किसी का भी हो सकता है.
रूस पहले वीटो लगाकर उसे रोक चुका है
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के पांच सदस्यों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के पास वीटो पावर भी है. यूक्रेन के मामले में एक प्रस्ताव पर रूस पहले वीटो लगाकर उसे रोक चुका है. लेकिन सयुक्त राष्ट्र महासभा में वीटो अधिकार का इस्तेमाल नहीं होगा. 2014 में जब रूस ने क्राइमिया पर कार्रवाई की थी उस वक्त भी ऐसा ही हुआ था.