रूस के Ukraine पर हमला करने से भारत में जरूरी सामान का टोटा पड़ सकता है। क्योंकि भारत ज्यादातर सामान वहीं से इम्पोर्ट करता है। इसमें खाने का गेहूं भी शामिल है। इसके अलावा तेल भी बड़ी मात्रा में आता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क । Russia और यूक्रेन के बीच लड़ाई से भारत के आयात बिल (Import bill will go up) को झटका लगने की उम्मीद है। यानि हमको Edible oil, Crude Oil, रत्न-आभूषण और उर्वरक मंगाने के लिए ज्यादा रकम चुकानी पड़ेगी। यह स्थ्िाति हमारे देश के चालू खाते के घाटे को बढ़ाएगी। यही नहीं इस संकट से भारत में तेल, रत्न और आभूषण, खाद्य तेल और उर्वरक की कीमतें बढ़ने की आशंका और बढ़ गई है। अभी भारत रूस से इन प्रोडक्ट को सस्ते में लेता है। इससे FY 22 में व्यापारिक आयात 600 बिलियन डॉलर को पार कर सकता है।
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India Ratings and Research की रिपोर्ट के मुताबिक रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई का भारतीय अर्थव्यवस्था पर तत्काल असर ऊंची मुद्रास्फीति (Inflation) की दर, चालू खाता घाटे में बढ़ोतरी और रुपये के गिरने (Rupee depreciation) के जरिए महसूस किया जाएगा। एजेंसी के विश्लेषण के अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में 5 डॉलर प्रति बैरल (बीबीएल) का इजाफा व्यापार या चालू खाता घाटे में 6.6 अरब डॉलर की बढ़ोतरी में तब्दील हो जाएगा।
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रूस-यूक्रेन लड़ाई का Indian Economy पर असर वैश्विक कमोडिटी की ऊंची कीमतों के जरिए पड़ेगा, क्योंकि भारत आयात पर ज्यादा निर्भर करता है। इसके अलावा कच्चे तेल की ऊंची कीमतें भारत के लिए चिंता का कारण हैं, क्योंकि अगर तेल कंपनियां मौजूदा कीमतों को संशोधित करने का फैसला करती हैं तो इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 8 रुपये से 10 रुपये तक का उछाल आ सकता है।
अभी भारत कच्चे तेल का 85 प्रतिशत आयात करता है। इसके अलावा उच्च ईंधन लागत का व्यापक असर महंगाई की प्रवृत्ति को ट्रिगर करेगा। भारत का मुख्य मुद्रास्फीति गेज यानि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI), जो खुदरा मुद्रास्फीति को दर्शाता है, ने रिजर्व बैंक की लक्ष्य सीमा को पहले ही पार कर लिया है।