हरियाणा बजट से पहले राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने छठे वेतन आयोग का लाभ ले रहे कर्मचारियों को बजट से पहले सात प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) देने का एलान किया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में छठे वेतन आयोग का लाभ ले रहे सरकारी कर्मचारियों और पांचवें वेतन आयोग के अनुसार पेंशन ले रहे पूर्व कर्मचारियों को बजट से पहले तोहफा मिला है। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) सात प्रतिशत बढ़ा दिया है। इसी तरह रिटायर्ड कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 56 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। बढ़े हुए डीए का लाभ पहली जुलाई 2021 से मिलेगा।
छठे वेतन आयोग का लाभ ले रहे कर्मचारियों का डीए सात प्रतिशत बढ़ा
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में यूं तो सातवां वेतन आयोग लागू है, लेकिन बड़ी संख्या में कर्मचारी अब भी छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन ले रहे हैं। अब इन कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 189 प्रतिशत से बढ़ाकर 196 प्रतिशत किया गया है।
पांचवें वेतन आयोग के अनुसार पेंशन ले रहे पूर्व कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 56 प्रतिशत का इजाफा
इसी तरह पांचवें वेतन आयोग के अनुसार पेंशन ले रहे पूर्व कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 312 प्रतिशत से बढ़ाकर 368 प्रतिशत किया गया है। जुलाई 2021 से जनवरी 2022 तक का एरियर मार्च में दिया जाएगा, जबकि फरवरी की तनख्वाह में बढ़ा हुए डीए शामिल होकर आएगा।
विधानसभा का बजट सत्र, राज्यपाल दिखाएंगे सरकार का रोडमैप
कई नए प्रयोगों के साथ बुधवार को शुरू हो रहा हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र इस बार कुछ खास होने वाला है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय अभिभाषण से सत्र की शुरूआत करते हुए सरकार के भविष्य का विजन दिखाएंगे। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का यह तीसरा बजट होगा। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का हरियाणा विधानसभा में यह पहला अभिभाषण है। उनसे पहले सत्यदेव नारायण आर्य प्रदेश के राज्यपाल थे।
बजट सत्र के पहले ही दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के चलते महिला विधायकों को सदन में ज्यादा तरजीह दी जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल महिलाओं के लिए कोई बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं। सीएम आठ मार्च को गठबंधन सरकार का वार्षिक बजट पेश करेंगे। पहली बार आठ एडहाक कमेटियां बनाई जाएंगी जो विभागवार बजट पर मंथन करेंगी। हर कमेटी में न्यूनतम नौ विधायक होंगे। यह कमेटियां विभागों को मिलने वाले आवंटन पर अपनी रिपोर्ट सरकार को देंगी। इन रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री बजट की आवंटित राशि में बदलाव कर सकेंगे।