Corona Fourth Wave : आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने COVID-19 की चौथी लहर को लेकर यह अनुमान जताया है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि देश में कोरोना की चौथी लहर कम से कम चार महीने तक चलेगी.
नई दिल्लीः आईआईटी-कानपुर के एक अध्ययन में इस साल जून में कोविड-19 की चौथी लहर आने का पूर्वानुमान व्यक्त किए जाने के बीच सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस तरह के अध्ययनों को उचित सम्मान के साथ देखती है लेकिन अभी यह परखना बाकी है कि इस विशेष रिपोर्ट का कोई वैज्ञानिक मूल्य है या नहीं.
जानें नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने क्या कहा?
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आईआईटी कानपुर का अध्ययन प्रतिष्ठित लोगों द्वारा तैयार किया गया एक ‘मूल्यवान इनपुट’ है. पॉल ने कहा, ‘…महामारी विज्ञान…विषाणु विज्ञान को देखने का हमारा प्रयास रहा है. सभी अनुमान डेटा और मान्यताओं पर आधारित हैं तथा हमने समय-समय पर अलग-अलग अनुमान देखे हैं. वे कभी-कभी इतने भिन्न होते हैं कि निर्णय केवल अनुमानों की एक कड़ी पर आधारित होना समाज के लिए बहुत असुरक्षित होगा. सरकार इन अनुमानों को उचित सम्मान के साथ देखती है क्योंकि ये प्रतिष्ठित लोगों द्वारा किए गए वैज्ञानिक कार्य हैं
ये भी पढें : IRCTC News: अब रेलवे टिकट काउंटर पर खुल्ले पैसे का झंझट नहीं, पेटीएम से भुगतान कर खरीदें जनरल और प्लेटफॉर्म टिकट
पूरी तरह से तैयार रहना है
उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण अप्रत्याशित वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना है, लेकिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के अध्ययन का वैज्ञानिक मूल्य है या नहीं, इसकी पड़ताल की जानी बाकी है.
कोरोना की चौथी लहर 22 जून के आसपास आएगी?
आईआईटी-कानपुर के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए एक मॉडलिंग अध्ययन में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 महामारी की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है और यह अगस्त के मध्य से अंत तक चरम पर हो सकती है.
आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने जताया है अनुमान
बता दें कि आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने COVID-19 की चौथी लहर को लेकर यह अनुमान जताया है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि देश में कोरोना की चौथी लहर कम से कम चार महीने तक चलेगी. यह भविष्यवाणी 24 फरवरी को प्रीप्रिंट सर्वर MedRxiv पर पब्लिश हुई है. एक्सपर्ट का कहना है कि चौथी लहर का कर्व 15 अगस्त से 31 अगस्त तक पीक पर पहुंच जाएगा. इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी. हालांकि, इसकी गंभीरता पर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता. यह तीसरी बार है जब आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने देश में कोरोना लहर को लेकर भविष्यवाणी की है. विशेष रूप से तीसरी लहर के बारे में उनकी भविष्यवाणी लगभग सटीक रही है. ये रिसर्च आईआईटी कानपुर के मैथमैटिक्स एंड स्टैटिस्टिक डिपार्टमेंट के एसपी राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने किया था. अपनी भविष्यवाणी के लिए इस टीम ने सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग किया है.