LIC IPO Launch Date: एलआईसी आईपीओ का इंतजार कर रहे लोगों के लिए बड़ी खबर है. ये आईपीओ पहले से तय समय यानी अप्रैल में ही आएगा. दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बाजार में भारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए सरकार इसे लाने में जल्दबाजी नहीं करना चाहती है.
- एलआईसी के आईपीओ में निवेश करने वालों के लिए खुशखबरी
- किसी हाल में नहीं टलेगा आईपीओ
- तगड़ी कमाई के लिए हो जाएं तैयार
नई दिल्ली: LIC IPO Latest Update: एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) का लंबे समय से इंतजार कर रहे निवेशकों के लिए जरूरी खबर है. अब एलआईसी का आईपीओ मार्च के बजाय पहले से तय समय अप्रैल में आएगा. मामले से जुड़े अधिकारियों ने यह बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के चलते बाजार में भारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए सरकार इसमें देरी कर रही है.
गौरतलब है कि बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने एलआईसी आईपीओ ने महज 22 दिनों में ही मंजूरी दे दी. इसके बाद यह अटकलें खत्म गई कि एलआईसी का आईपीओ अगले साल तक के लिए टाला जा सकता है. क्योंकि आमतौर पर आईपीओ को मंजूरी मिलने में 75 दिन लगते हैं. सेबी ने इसके लिए ऑब्जर्वेशन लेटर जारी किया है.
एलआईसी आईपीओ के टलने की संभावना नहीं
आपको बता दें कि इससे पहले सेबी (SEBI) ने किसी भी आईपीओ को इतनी जल्दी मंजूरी नहीं दी थी. इसलिए ये उम्मीद जताई जा रही है कि इआईपीओ अब रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के चलते टलने वाला नहीं है. दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बाजार में बिकवाली का माहौल है, जिसके कारण एलआईसी आईपीओ को अगले साल तक टालने की बात की जा रही थी. सरकार ने इस आईपीओ से 60,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.
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जानिए कब आएगा एलआईसी का आईपीओ
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विभाग के अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी दी कि सरकार चाहती है कि इस आईपीओ को निवेशकों का पूरा समर्थन मिले. लेकिन, बाजार में जारी भारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए अब सरकार इसमें कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती है. सरकार ऐसे समय में आईपीओ लाना चाहती है, जब दुनियाभर के साथ घरेलू बाजार में स्थिरता रहे. आपको बता दें कि सरकार एलआईसी में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है.
अधिकारी ने दी जानकारी
विभाग के अधिकारी नेबताया कि अगले महीने शायद अप्रैल तक एलआईसी का आईपीओ लाने की कोशिश की जा रही है. सरकार इसमें और देरी नहीं करनाचाहती है. अधिकारी ने बताया कि हमारे पास 12 मई तक का समय है. पिछले महीने की तुलना में पिछले सप्ताह बाजार में अस्थिरता कम देखने को मिली है. हालांकि, आईपीओ पर आगे बढ़ने से पहले संस्थानों और खुदरा निवेशकों की भावनाओं पर भी नजर रखनी होगी.
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फरवरी में भेजा गया था मसौदा
गौरतलब है कि LIC ने अभी हाल में फरवरी में मार्केट रेगुलेटर के पास ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल किए थे. इस ड्रॉफ्ट के मुताबिक, एलआईसी के कुल 632 करोड़ शेयर में 31,62,49,885 इक्विटी शेयरों बेचने का प्रस्ताव है. इसमें 50 फीसदी हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) के लिए आरक्षित होगा, जबकि गैर-संस्थागत खरीदारों के लिए यह 15 फीसदी होगा.
12 महीने तक रहेगा वैध
अब एलआईसी आईपीओ को सेबी से मंजूरी मिलने के बाद, यह आईपीओ मंजूरी की तारीख से 12 महीने की अवधि के लिए वैध है. कैबिनेट की बैठक में LIC IPO को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया था. इसमें ऑटोमेटिक रूट से 20 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDIई) की मंजूरी दी गई थी. इस फैसले के बाद एलआई के प्रस्तावित आईपीओ में विदेशी निवेश का रास्ता खुल गया है. लेकिन, बाजार के गिरते माहौल को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने बाजार से अपने पैसे वापस लेना शुरू कर दिया है.