निवेशकों के बीच चिंता बढ़ रही है कि चीनी कंपनियों को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि रूस ने चीन से सैन्य और वित्तीय सहायता का अनुरोध किया था.
रूस और यूक्रेन में जंग जारी है. चीन और रूस के बीच दोस्ती भी किसी से छिपी नहीं है. चीन का झुकाव रूस की तरफ बढ़ता जा रहा है. जंग के बीच चीन अमेरिकी प्रतिबंधों से बचना चाहता है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन संकट के पक्ष में नहीं है और न ही वो चाहता है कि अमेरिकी प्रतिबंधों से चीन प्रभावित हो. वांग ने सोमवार को स्पेन के समकक्ष जोस मैनुअल अल्बारेस के साथ यूक्रेन में युद्ध पर चर्चा करने के लिए एक फोन कॉल में कहा कि चीन को अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करने का अधिकार है. निवेशकों के बीच चिंता बढ़ रही है कि चीनी कंपनियों को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि रूस ने चीन से सैन्य और वित्तीय सहायता का अनुरोध किया था.
प्रतिबंधों से बचना चाहता है चीन
अमेरिका ने यूरोपीय सहयोगियों को चेतावनी दी थी कि रूस ने फरवरी के अंत में चीन से सशस्त्र ड्रोन के लिए कहा था क्योंकि वह यूक्रेन पर आक्रमण शुरू कर रहा था. चीन ने सोमवार को प्रारंभिक रिपोर्टों को खारिज कर दिया वही रूस ने इस बात से इनकार किया कि उसने बीजिंग से मदद मांगी थी. रूस ने कहा कि उसके पास युद्ध जीतने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं. किसी भी पक्ष ने अभी तक सशस्त्र ड्रोन पर रिपोर्ट का जवाब नहीं दिया है, जिसे चीन ने सऊदी अरब, पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों को बेचा है.
अमेरिका ने चीन को दी है कई बार चेतावनी
जंग के बीच अमेरिकी अधिकारियों ने रूस को प्रतिबंधों से बचने में मदद करने के लिए चीन को कई बार चेतावनी दी है. वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने पिछले हफ्ते कहा था कि इस बात का कोई सबूत नहीं था कि कोई भी चीनी कंपनियां मास्को को अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर मदद करने की योजना बना रही हो. बता दें कि चीन ने लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र के बाहर लगाए गए एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध किया है. चीन रूस के साथ सामान्य व्यापार संबंध जारी रखे हुए है. चीन हमेशा समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबंधों के इस्तेमाल का विरोध करता रहा है.