सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कानपुर में वसूला गया जुर्माना वापस करने की कवायद शुरू हो चुकी है. कानपुर में 33 लोगों से 3 लाख 67 हजार रुपये वसूले गए थे.
नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के विरोध में हुई हिंसा के बाद प्रदेश सरकार ने उपद्रवियों से जुर्माना वसूल किया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कानपुर में वसूला गया जुर्माना वापस करने की कवायद शुरू हो चुकी है. कानपुर में 33 लोगों से 3 लाख 67 हजार रुपये वसूले गए थे. जुर्माना वापसी के लिए प्रशासन की तरफ से चेक बनाकर तहसील को भेजी जा चुकी है. जहां से तहसील कर्मी संबंधित व्यक्तियों के घरों पर जाकर चेक देंगे.
सीएए-एनआरसी के विरोध में कई जगह बवाल हुए थे
बता दें कि सीएए और एनआरसी के विरोध में दिसंबर 2019 में कानपुर में कई जगह बवाल हुआ था. उपद्रवियों ने सरकारी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया था. शासन के आदेश पर आरोपियों से क्षतिपूर्ति की कार्रवाई की गई थी. बाबू पुरवा और बेकनगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले 33 लोगों से जुर्माना वसूला गया था. सुप्रीम कोर्ट ने रिकवरी को गलत बताया था, जिसके बाद जुर्माना वापस करने का आदेश दिया गया. जिस पर प्रशासन ने जिन लोगों से जुर्माना वसूला था उनका जुर्माना वापस करने की तैयारी की है.
रिकवरी से संबंधित कार्रवाई को वापस लेने के आदेश
गौरतलब है कि यूपी में सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर योगी सरकार ने जवाब दाखिल किया था सरकार ने तब कहा था कि एंटी सीएए प्रदर्शन के मामले में अपर जिलाधिकारियों को भेजे गए वसूली के 274 नोटिस को वापस ले लिया गया है. सरकार ने यह भी बताया था कि मामले को नए ट्रिब्यूनल में भेजा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह रिकवरी से संबंधित कार्रवाई को वापस ले. साथ ही कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर कार्रवाई वापस नहीं की गई, तो हम कार्रवाई को खारिज कर देंगे, क्योंकि यह नियम के खिलाफ है.