क्रिप्टोकरंसी को लेकर सरकार कुछ नया सोच रही है। सरकार विचार कर रही है कि क्या इसे मुद्रा की पूरी वैल्यू पर लगाया जाना चाहिए। क्या क्रिप्टोकरंसी को गुड्स और सर्विसेज के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क । सरकार क्रिप्टोकरंसी को जीएसटी (GST on Cryptocurrency) के दायरे में लाने पर विचार कर रही है, जिससे लेन-देन के पूरे मूल्य पर टैक्स लगाया जा सके। इस समय सिर्फ क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर 18 प्रतिशत GST लगाया जाता है और इसे वित्तीय सेवा के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है। जीएसटी अधिकारियों का विचार है कि क्रिप्टो किसी लाटरी, कैसीनो, सट्टेबाजी, जुआ, घुड़दौड़ के समान हैं, जिनके पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू है। इसके अलावा सोने के मामले में पूरे लेनदेन पर तीन प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है
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क्रिप्टोकरंसी पर GST लगाने के संबंध में स्पष्टता जरूरी
एक अधिकारी ने कहा, ‘क्रिप्टोकरंसी पर GST लगाने के संबंध में स्पष्टता जरूरी है और हम विचार कर रहे हैं कि क्या इसे पूरे मूल्य पर लगाया जाना चाहिए, और क्या क्रिप्टोकरंसी को गुड्स और सर्विसेज के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
वर्गीकरण पर फैसले को अंतिम रूप देना होगा
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरंसी के पूरे लेनदेन पर जीएसटी लगाया जाता है तो यह दर 0.1 से एक प्रतिशत के बीच हो सकती है। टैक्स की दर पर चर्चा शुरुआती चरण में है, चाहे यह 0.1 प्रतिशत हो या एक प्रतिशत। पहले वर्गीकरण पर फैसले को अंतिम रूप देना होगा और फिर दर पर चर्चा की जाएगी।
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क्रिप्टोकरंसी को रेगुलेट करने के लिए अलग से कानून
अधिकारी ने बताया कि जीएसटी कानून क्रिप्टोकरंसी के वर्गीकरण के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं बताता है। इसी पर काम चल रहा है। क्रिप्टो करंसी पर आम बजट 2022-23 में क्रिप्टो एसेट्स पर आयकर लगाने के संबंध में कुछ स्पष्टता लाई गई है। सरकार क्रिप्टो करंसी को रेगुलेट करने के लिए अलग से एक कानून पर काम कर रही है, लेकिन अभी तक कोई मसौदा सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया है।