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राजनीति

योगी कैबिनेट 2.0 में किसे मिल सकती है जगह?, कई चेहरों को समीकरणों का बल; देखिए संभावित मंत्रियों के नाम

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लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रचंड जीत दर्ज की है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 का मंत्रिमंडल कैसा होगा। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि वहां गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में मंत्रिमंडल के स्वरूप पर अंतिम मुहर लग जाएगी।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के दोबारा सत्ता में आते ही यह अटकलें जोर पकड़े हुए हैं कि योगी आदित्यनाथ के नए मंत्रिमंडल में कौन-कौन जगह पाएगा। चुनाव जीतने वालों में तमाम विधायक बड़े कद के हैं, जो पहले भी मंत्री रहे हैं। उनमें से अधिकांश की दूसरी पारी पर संदेह कम ही है। चर्चा यह भी है कि करीब चार दर्जन मंत्रियों (कैबिनेट, स्वतंत्र दर्जा प्राप्त और राज्यमंत्री) को शपथ दिलाई जा सकती है।

योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के संभावित नामों को लेकर तमाम नामों पर चर्चा तेजी से वयलर हो रही है। इनमें से कुछ के नामों पर तो समीकरणों का भी बल मिल रहा है। मसलन, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए हैं, लेकिन वह पिछड़ों के प्रमुख नेताओं में शामिल हैं। उनका यह भी प्रभाव माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में जाने के बावजूद वह वोटबैंक भाजपा के साथ रहा। ऐसे में केशव इसी पद पर दूसरी पारी शुरू कर सकते हैं। पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने के बाद भी उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाए जाने से इस बात की संभावना और बढ़ गई है।

पिछड़ों के ही नेता के रूप में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का नाम है। माना जा रहा है कि कुर्मी वोट इस बार उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला है। स्वतंत्रदेव इसी वर्ग से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए इस वर्ग को करीब लाने और संगठन की मेहनत का इनाम उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाकर दिया जा सकता है। इनमें से किसी एक को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना है।

उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा के लिए दो विकल्प बताए जा रहे हैं। उनका यह पद बरकरार रह सकता है या प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। संभावना यह भी है कि यदि पार्टी आगरा ग्रामीण से विधायक बनीं उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य को डिप्टी सीएम बनाने की बजाए विधानसभा अध्यक्ष बना दे और दिनेश शर्मा उसी पद पर रहें तो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी दलित नेता को दी जा सकती है।

सरकार या संगठन में लाने के लिए पार्टी के पास एमएलसी विद्याराम सोनकर और लक्ष्मण आचार्य जैसे दलित नेता भी हैं। इसी वर्ग से कन्नौज विधायक असीम अरुण, हाथरस विधायक अंजुला माहौर भी हैं। योगी मंत्रिमंडल के अंतिम विस्तार में राज्यमंत्री बनाए गए संजीव गोंड अनुसूचित जनजाति से हैं, जो फिर विधायक बने हैं। इन्हें भी फिर मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय माना जा रहा है।

इन नए नामों की चर्चा तेज : सरिता भदौरिया, अदिति सिंह, जय वीर सिंह, दयाशंकर सिंह, अपर्णा यादव, शलभमणि त्रिपाठी, नितिन अग्रवाल, असीम अरुण, राजेश्वर सिंह, संजय निषाद, डाक्टर सुरभि, राकेश तिवारी, असीम राय, कुंवर ब्रजेश, रामचंद्र यादव, केतकी सिंह, राजेश त्रिपाठी, आशीष पटेल, पंकज सिंह, विजय बहादुर पाठक, रामचंद्र यादव।

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