नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क । 2021 में भारत में विदेश निवेश घट गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कैलेंडर वर्ष 2021 में भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का प्रवाह घटकर 74.01 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष के 87.55 बिलियन डॉलर से 15 प्रतिशत कम है। एफडीआई इन्फ्लो में इक्विटी इन्फ्लो, अनिगमित निकायों की इक्विटी पूंजी, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल हैं।
FDI काफी हद तक कमर्शियल बिजनेस से जुड़े फैसलों का मामला
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि FDI काफी हद तक कमर्शियल बिजनेस से जुड़े फैसलों का मामला है। इसका आना प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता, बाजार के आकार, बुनियादी ढांचे, राजनीतिक और सामान्य निवेश माहौल के साथ-साथ मैक्रो-आर्थिक स्थिरता और विदेशी निवेशकों के निवेश निर्णय जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है। कैलेंडर वर्ष 2021 में 2020 की तुलना में FDI प्रवाह में 15 प्रतिशत की कमी आई है।
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सरकार ने एक निवेशक-अनुकूल नीति बनाई
मंत्री ने कहा कि एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक निवेशक-अनुकूल नीति बनाई है, जिसमें कुछ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्र ऑटोमेटेड रूट के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई के लिए खुले हैं। इसके अलावा एफडीआई पर नीति की निरंतर आधार पर समीक्षा की जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत आकर्षक और निवेशक-अनुकूल बिजनेस हब बना रहे।
हाल ही में कई क्षेत्रों में बड़े सुधार किए
मंत्री ने बताया कि शीर्ष उद्योग मंडलों, संघों, उद्योगों/समूहों के प्रतिनिधियों और अन्य संगठनों सहित हितधारकों के साथ परामर्श करने के बाद नीति में बदलाव किए जाते हैं। सरकार ने हाल ही में कई क्षेत्रों में बड़े सुधार किए हैं। हाल के दिनों में बीमा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, दूरसंचार आदि जैसे क्षेत्रों में एफडीआई नीति में सुधार किए गए हैं।