Maharashtra News: बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कहा है कि शिवसेना नेता और पूर्व नागरिक स्थायी समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव के खिलाफ आईटी की कार्रवाही उनके आरोपों को सही साबित करती है.
Maharashtra News: बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कहा है कि शिवसेना (Shiv Sena) नेता और पूर्व नागरिक स्थायी समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव (Yashwant Jadhav) के खिलाफ आईटी (Income Tax Department) की कार्रवाही उनके आरोपों को सही साबित करती है.
उन्होंने कहा, ”जाधव के खिलाफ आयकर विभाग की हालिया कार्रवाई से कोविड प्रबंधन की आड़ में बीएमसी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप सही साबित हुए हैं.” I-T अधिकारियों को जाधव से ‘मातोश्री’ को दिए गए करोड़ों रुपये की नकदी और उपहारों के नोट मिले हैं.
BJP ने लगाए कई आरोप
देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया, “आई-टी विभाग मामले में उचित जांच करेगा. लेकिन तथ्य यह है कि जाधव ने 24 महीनों में 38 संपत्तियां खरीदीं, यह स्पष्ट करता है कि बीएमसी में कोविड -19 प्रबंधन के नाम पर केवल भ्रष्टाचार था.” वहीं इसे लेकर भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा, “मुझे पता चला कि जाधव ने अधिकारियों से कहा था कि उन्हें लूट का 10 प्रतिशत मिल रहा है. फिर बाकी 90 प्रतिशत बांद्रा या बीएमसी मुख्यालय कहां जा रहे हैं? इन सभी कड़ियों की भी अब जांच की जाएगी.” उन्होंने जाधव के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय से कार्रवाई की मांग की.
शिवसेना ने जताई आपत्ति
शिवसेना के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने हालांकि इस बात पर आपत्ति जताई कि जिस तरह से केंद्रीय जांच एजेंसियों को राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. केंद्रीय एजेंसियों को उन लोगों की जांच करनी चाहिए जो वास्तव में भ्रष्ट हैं. राजनीतिक कारणों से कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना लोकतंत्र में सही नहीं है.
IT विभाग कर रहा इन मामलों की जांच
I-T विभाग ने पाया है कि जाधव ने कथित तौर पर मझगांव में अपने आवासीय भवन में किरायेदारी के अधिकार हासिल करने के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये नकद का भुगतान किया था. उन्होंने अपनी डायरी में गुड़ी पड़वा पर ‘मातोश्री’ को 2 करोड़ रुपये का भुगतान भी सूचीबद्ध किया और बताया कि यह उनकी मां को दिया गया था.
I-T विभाग कोलकाता की एक मुखौटा कंपनी को एक असुरक्षित ऋण के 15 करोड़ रुपये के पुनर्भुगतान की भी जांच कर रहा है, जिसे जाधव सहयोगी बिमल अग्रवाल की कंपनी को वापस भेज दिया गया था. I-T सूत्रों ने कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल जाधव ने एक होटल और एक इमारत खरीदने के लिए किया था, जिसमें किरायेदार थे और एक पगड़ी प्रणाली पर संचालित होता था. ये सभी लेन-देन 2018 और 2022 के बीच हुए, जब जाधव बीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे.