मेलबोर्न, प्रेट्र। कभी भी और किसी भी मसले पर कोई उलझन हो, तो समाधान के लिए सबसे पहले हमारा ध्यान जाता है गूगल की तरफ। गूगल हमारे हर सवाल का जवाब दे देता है। सर्च इंजन रिजल्ट को ज्यादा से ज्यादा सही और सटीक रखने की कोशिश करता है। लेकिन हमें समझना होगा कि गूगल सर्च की सीमाएं हैं। सर्च रिजल्ट को पुष्ट करना और सर्च से सही रिजल्ट तक पहुंचना हमारी जिम्मेदारी है।
गलत जानकारी जानलेवा भी हो सकती है। महामारी के दौरान कोरोना से बचाव के तरीकों को लेकर लोगों ने जमकर गूगल सर्च किया। इस दौरान कुछ भ्रमित करने वाली जानकारियां भी सामने आईं। एक अध्ययन के मुताबिक, इन्हें सच मानकर कदम उठाने वाले कई लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और कुछ लोगों की जान भी चली गई। यह समझना जरूरी है कि गूगल से सही जानकारी कैसे ली जाए और जानकारियों पर भरोसा करने का पैमाना क्या हो?
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समझदारी से करें सर्च
- गूगल शानदार सर्च इंजन है, लेकिन इस पर अब भी काम हो रहा है। कंपनी लगातार फीडबैक के हिसाबसे कमियों को दूर कर रही है। इस मामले में सर्च करने वाले को भी समझदार होने की जरूरत है।
- इनकाग्निटो या प्राइवेट विंडो पर सर्च करें, जिससे आपकी पुरानी हिस्ट्री का असर सर्च रिजल्ट पर न पड़े
- सही जवाब पाने के लिए सही सवाल करना भी जरूरी है। गूगल से यह मत पूछें कि ‘क्या एचसीक्यू सेकोविड ठीक होता है?’ बल्कि यह पूछें ‘एचसीक्यू किसलिए प्रयोग किया जाता है?’
- सर्च रिजल्ट पर सोर्स जरूर देखें। विश्वसनीय वेबसाइट व सरकारी विभागों की वेबसाइट पर भरोसा करें।
- गूगल अंतिम सत्य नहीं है। किसी गंभीर मसले पर जानकारी लेने के लिए रिजल्ट को अन्य सर्च इंजन से भी पुष्ट करने का प्रयास करें।
- सबसे अहम बात, गूगल कोई डाक्टर नहीं है। गूगल से मिली जानकारियों के आधार पर बिना सोचे-समझे अपनी बीमारी का इलाज न करें।
एक छोटे से सवाल पर मिल जाते हैं लाखों जवाब : किसी प्रश्न का समाधान न मिलना परेशानी में डाल सकता है, लेकिन किसी प्रश्न के लाखों समाधान मिल जाना भी कम बड़ी परेशानी नहीं है। गूगल सर्च के साथ भी ऐसा ही है। वहां एक सवाल पर लाखों लिंक मिल जाते हैं। ऐसे में यह समझना बहुत अहम है कि कौन सा लिंक सही जानकारी दे रहा है।