Chaitra Navratri 2022 हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है और नवमी तक चलती है. दशमी तिथि को पारण करने के बाद ये व्रत पूरा माना जाता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आगामी 2 अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र को लेकर राजधानी दिल्ली के मंदिरों में तैयारियां जोरों से चल रही हैं। रंग रोगन का काम हो चुका है और अब लाइटिंग से लेकर फूलों से सजाने का काम 31 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। कोरोना का संक्रमण काफी कम हो चुका है, जिससे इस बार मंदिर प्रबंधन समितियों से लेकर भक्तों में काफी उत्साह हैं। करोल बाग के झंडेवाला देवी मंदिर से लेकर चांदनी चौक के गौरी शंकर मंदिर समेत अन्य मंदिरों में इसको लेकर जागरण की चौकी और भंडारे के आयोजन की तैयारियां भी चल रही हैं। इसके लिए कालोनियों में पूजा समितियां इसकी तैयारी में जुटी हैं।
इस बाबत करोल बाग स्थित झंडेवाला देवी मंदिर के पुजारी अंबिका प्रसाद पंत ने कहा कि चूंकि इस बार सभी चीजें समान्य हो गई हैं। साथ ही कोरोना को लेकर जारी दिशा-निर्देशों में भी ढील दी गई है। इसे देखते हुए इस बार मंदिर में नवरात्र को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल हम मास्क और शारीरिक दूरी के नियम का पालन भक्तों से कराएंगे। किंतु अभी तक प्रसाद चढ़ाने की जो अनुमति बीते नवरात्र में नहीं थी, इस बार हम यह अनुमति श्रद्धालुओं को देने जा रहे हैं। बुधवार से दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्रों से ज्योत लेने वाले भक्त आने लगेंगे। ऐसे में उनके लिए हम तैयार हैं।
वहीं, भक्तों के आने के लिए मंदिरों में कतार बनाई जाएगी, जो शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए मंदिर में दर्शन करेंगे। इस बीच उन्हें सैनिटाइज भी किया जाएगा और उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। सभी कार्यकर्ताओं को दिशानिर्देश दिए गए हैं कि वह प्रवेश द्वार पर बिना मास्क के दिखने वाले लोगों मंदिर में आने की अनुमति न दें।
भंडारों का होगा आयोजन
राजधानी के प्रमुख मंदिरों में इस बार प्रसाद वाले भंडारों का आयोजन हो सकेगा, जबकि बीते नवरात्र में इसकी अनुमति नहीं थी। मंदिर समितियों के अनुसार बीते वर्ष कोरोना के मामले ज्यादा आ रहे थे तो भंडारे के आयोजन की अनुमति नहीं थी। इस बार कोरोना के कुछ नियम जैसे मास्क लगाना और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करके हम भंडारे की अनुमति देंगे। जो श्रद्धालु प्रसाद वितरण करना चाहते हैं, वह कर सकेंगे। साथ ही मंदिर समितियों द्वारा सेवादारों को भी नियुक्त करके व्यवस्था को नियंत्रित किया जाएगा।