Dausa News: महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में राजस्थान के डॉक्टरों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए रोड को जाम कर दिया. डॉक्टरों ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है.
Rajasthan Doctors Protest: राजस्थान (Rajasthan) के दौसा (Dausa) जिले में गायनेकोलॉजिस्ट डॉ अर्चना शर्मा की आत्महत्या (Suicide) मामले में प्रदेश में बवाल मच गया है. निजी और सरकारी हॉस्पिटल (Hospital) के सभी डॉक्टर बुधवार को हड़ताल (Strike) पर रहे और सड़कों पर उतर गए. डॉक्टरों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए रोड को जाम कर दिया इस दौरान डॉक्टरों ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की. हालांकि, रेजिडेंट डॉक्टर कार्यरत रहे जिससे हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों को परेशानी नहीं हुई. ओपीडी को भी रेजिडेंट डॉक्टरों ने ही संभाला. सभी डॉक्टरों ने अपने-अपने जिले में कलेक्टर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने नाम ज्ञापन दिया और कार्रवाई की मांग की.
ज्ञापन में कही गई ये बातें
डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले ज्ञापन दिया जिसमें कहा कि दौसा जिले के लालसोट में प्रसूता की दुखद मृत्यु जो एक ज्ञात मेडिकल ऐक्सिडेंट है उस पर हम संवेदना व्यक्त करते हैं. इसी के साथ चिकित्सक डॉ अर्चना शर्मा के अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन कर पैसे की वसूली की गई और स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने बजाय डॉक्टर को प्रोटेक्शन देने उनके खिलाफ ही गलत धाराओं में केस दर्ज किया. इस सारे हंगामे, धारा 302 में केस दर्ज होने और पैसे की वसूली को नहीं रोक पाने की प्रशासन की नाकामयाबी को देखते हुए वो भारी मानसिक आघात को सहन नहीं कर पाई और आत्महत्या के लिए मजबूर हुई, ये एक सामाजिक कलंक है. इस घटना का विरोध प्रकट करने के क्रम में सभी चिकित्सा संस्थान, सरकारी एवं प्राइवेट मय इमर्जेंसी बंद की. ज्ञापन में आगे कहा गया कि चिकित्सा समुदाय मांग करता है की दोषी पुलिस अधिकारियों, नेता और पत्रकारों को दबाव डालने और आत्महत्या के लिए विवश करने के लिए गिरफ्तार किया जाए. डॉ अर्चना के पति पर लागू 302 के मुकदमे को तुरंत प्रभाव से हटाकर पुलिस विभाग द्वारा इस गलती के लिए चिकित्सा समुदाय से माफी मांगी जाए. भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावर्ती नहीं हो ये सुनिश्चित कराया जाए.
जानें पूरा मामला
सोमवार को दौसा जिले के लालसोट स्थित आनंद हॉस्पिटल में एक महिला की प्रसव के बाद ब्लीडिंग होने से मौत हो गई. बाद में परिजनों और ग्रामीणों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. मामले में पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया. इसी मुकदमे के कारण तनाव में आकर डॉ अर्चना शर्मा ने आत्महत्या की.