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Type 2 Diabetes को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पीड़ितों को 57 गंभीर बीमारियों का भी खतरा

टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) को कई दूसरी बीमारियों की जड़ बताया जाता रहा है, लेकिन हाल की स्टडी में कुछ ऐसी बाते सामने आईं है जो बेहद चौंकाने वाली है.

नई दिल्ली: जिन लोगों के टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) की बीमारी है उनको सेहत से जुड़ी 57 दूसरी गंभीर परेशानियों का भी खतरा बना रहता है जिसमें कैंसर, किडनी की बीमारी न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम अहम है. इसका खुलासा एक स्टडी में किया गया है. दुनियाभर के करोड़ों लोगों को मधुमेह की शिकायत है जिसका संबंध मोटापे (Obesity) से है और कई लोगों को जेनेटिक वजहों से इस दिक्कत का सामना करना पड़ता है

रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

दुनियाभर में मिडिल एज के लोगों पर रिसर्च किया गया जिसमें टाइट-2 डायबिटीज सी पीड़ित और मधुमेह से मुक्त लोगों पर अध्ययन किया गया. एक्सपर्ट्स ने पाया कि मधुमेह के लोगों को 57 ऐसी बीमारियों को खतरा है जो लंबे वक्त तक परेशान कर सकती है.

डायबिटीज के खतरे को पहचानें

एक्सपर्ट्स के मुताबित इस रिसर्च के नतीजे चौंकाने वाले हैं. जिन लोगों को टाइप-2 डायबिटीज नहीं वो इस खतरे को पहले ही पहचान लें और इसे होने से रोक दें. इस स्टडी को डायबिटीज यूके प्रोफेशनल कॉन्फ्रेंस (Diabetes UK professional conference) में प्रेजेंट किया गया.

3 मिलियन लोगों का डाटा जुटाया गया

यूके बायोबैंक और जीपी रिकॉर्ड से करीब 3 मिलियन लोगों का डाटा जुटाया गया. खास तौर से उन 116 बीमारियों पर स्टडी की गई जो मिडिल एज के लोगों को होती है. इसमें पाया गया कि जिनको टाइप-2 डायबिटीज है उन्हें 57 दूसरी बीमारियों का खतरा है जिसमें 9 फीसदी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

कैंसर और किडनी की बीमारी का खतरा

टाइट-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के मरीजों को किडनी डिजीज (Kidney Disease) के आखिरी स्टेज की बीमारी का खतरा 5.2 गुना ज्यादा होता है. इसके अलावा लिवर कैंसर (Liver Cancer) का 4.4 गुना और मस्क्यूलर डीजेनेरेशन का 3.2 गुना ज्यादा खतरा रहता है.

मिडिल एज ग्रुप के लोग हो जाएं सतर्क

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (University of Cambridge) के पूर्व क्लीनिकल एपिडेमियोलोगिस्ट डॉक्टर लुआनलुआन सुन (Dr. Luanluan Sun) का भी इस रिसर्च में अहम रोल रहा है. उन्होंने इस बात को चेतावनी के साथ कहा है कि टाइट-2 डायबिटीज से बचाव बेहत अहम क्योंकि ये मिडिल एज के लोगों को काफी परेशान करता है. नॉन इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज (NIDDM) से सतर्क रहने से इसके खतरे को कम किया जा सकता है.

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