कोरोना महामारी के दौरान मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एमएसएमई के लिए ईसीएलजी स्कीम की घोषणा की गई थी। बाद में चरणबद्ध तरीके से इस स्कीम में प्रोफेशनल्स के साथ कारपोरेट व सर्विस सेक्टर को भी शामिल कर लिया गया था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना से प्रभावित सर्विस सेक्टर को सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब वे वर्ष 2023 के 31 मार्च तक पूर्ण रूप से सरकारी गारंटी वाले लोन ले सकेंगे। वित्त मंत्रालय के इस फैसले से होटल, रेस्टोरेंट, कैंटीन, ट्रैवल एजेंट, निजी बस आपरेटर्स, टूर आपरेटर्स, पार्लर, सैलून, सिनेमा हाल, योग संस्थान, जिम जैसे विभिन्न प्रकार के सर्विस सेक्टर के कारोबारियों के साथ नागरिक उड्डयन सेक्टर के उद्यमी भी इस लोन को ले सकेंगे। सर्विस सेक्टर के नए कारोबारी भी अब इस स्कीम के तहत लोन ले सकेंगे।
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नए नियम के मुताबिक पिछले साल अप्रैल से लेकर इस साल जनवरी तक लोन लेने वाले सर्विस सेक्टर के कारोबारी भी अब यह लोन ले सकेंगे। पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाले इस लोन को इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के नाम से जाना जाता है। इसकी अवधि इस साल 31 मार्च को समाप्त हो रही थी।
इस स्कीम के तहत लोन देने के लिए तीन लाख करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया था। बाद में एक लाख करोड़ रुपए और इस स्कीम में डाल दिया गया। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 25 मार्च तक ईसीएलजीएस के तहत 3.19 लाख करोड़ रुपए लोन की मंजूरी दी जा चुकी है। इस साल बजट के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्रैवल व टूरिज्म सेक्टर के कारोबारी व उद्यमियों ने साथ बैठक की थी जिसमें कोरोना से प्रभावित इस सेक्टर को राहत देने पर विचार-विमर्श किया गया था। उसे ध्यान में रखते हुए ही बुधवार को नियमों में बदलाव के साथ ईसीएलजीएस की अवधि को बढ़ाने की घोषणा की गई।
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नए नियम के मुताबिक ईसीएलजीएस 3.0 में शामिल सेक्टर से जुड़े कारोबारी व्यक्तिगत रूप से भी पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाले इस लोन को ले सकेंगे। ईसीएलजीएस 3.0 में हॉस्पिटलिटी एवं इससे संबंधित सेक्टर शामिल हैं। पिछले साल दिसंबर से लेकर इस साल फरवरी के आरंभ तक ओमिक्रोन की वजह से भी हॉस्पिटलिटी सेक्टर प्रभावित हुआ था।