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1 अप्रैल से निवेश का है प्‍लान! इन 6 जगहों पर पैसा रहेगा 100% सेफ, मिलेगा गारंटीड रिटर्न

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Post Office small savings schemes: आज यानी 1 अप्रैल से नए वित्‍त वर्ष 2022-23 की शुरुआत हो गई है. अगर आप नए वित्‍त वर्ष में बिना रिस्‍क लिए फिक्‍स्‍ड या गारंटीड रिटर्न के ऑप्‍शन तलाश रहे हैं, तो सरकार की स्‍माल सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स में निवेश कर सकते हैं. पोस्‍ट ऑफिस की स्‍माल सेविंग्‍स स्‍कीम (Post Office Small Savings Schemes) में आपका पैसा पूरी तरह सेफ रहता है. इसमें निवेश पर बाजार का कोई जोखिम नहीं रहता है. वहीं, इन स्‍कीम्‍स की ब्‍याज दरें हर तिमाही तय होती हैं. यानी, आपको निवेश से पहले ही यह मालूम रहता है कि आपको कितना ब्‍याज/रिटर्न स्‍कीम की मैच्‍योरिटी पर मिलने वाला है. आइए जानते हैं इन स्‍कीम्‍स के बारे में… 

सुकन्‍या समृद्धि योजना (SSY)

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बेटियों के बेहतर भविष्‍य के लिए सुकन्‍या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) एक शानदार स्‍कीम है. 10 साल से कम उम्र की बेटी के नाम यह अकाउंट पोस्‍ट ऑफिस (Post Office) या अथराइज्‍ड बैंक में खुलवा सकते हैं. SSY में निवेश पूरी तरह सेफ है. वहीं, इसमें निवेश पर टैक्‍स छूट का भी फायदा लिया जा सकता है.

 सुकन्या समृद्धि योजना पर सालाना 7.6 फीसदी ब्‍याज दे रही है. इसकी कम्‍पाउंडिंग सालाना होती है. इस स्‍कीम में मैक्सिमम 1.50 लाख रुपये सालाना जमा कर सकते हैं. बता दें, इस स्‍कीम में आपको सिर्फ 15 साल तक निवेश करना होता है, उसके बाद आगे के 6 साल तक (21 की उम्र तक) ब्‍याज मिलता है.

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बेटी के माता-पिता या लीगल गार्जियन 10 साल तक की उम्र की बच्ची के नाम पर महज 250 रुपये में यह अकाउंट खोल सकते हैं. SSY अकाउंट को लड़की के 21 साल (अकाउंट खुलवाने से 21 साल बाद) का होने के बाद ही बंद किया जा सकता है. हालांकि, बच्‍ची के 18 साल की होने पर उसकी शादी होने पर नॉर्मल प्रीमैच्‍योर क्‍लोजर की अनुमति है. 

SSY में जमा की जाने वाली रकम पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. इसके अलावा डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाला पैसा भी टैक्स फ्री है. इस तरह SSY ‘EEE’ कैटेगरी की टैक्स सेविंग स्कीम है. 

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सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) 

पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) सीनियर सिटीजन के गांरटीड इनकम के लिए बेहतर स्‍कीम है. SCSS में अभी ब्याज 7.4 फीसदी सालाना है. इसमें मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है. 1000 रुपये के मल्टीपल में डिपॉजिट किया जा सकता है. साथ ही इसमें मैक्सिमम 15 लाख रुपये निवेश किया जा सकता है. इसमें एकमुश्त निवेश करना होता है. 

SCSS के तहत 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र का व्यक्ति अकाउंट खुलवा सकता है. अगर कोई 55 साल या उससे ज्यादा का है लेकिन 60 साल से कम का है और VRS ले चुका है तो वह भी SCSS में अकाउंट खोल सकता है. लेकिन शर्त यह है कि उसे रिटायरमेंट बेनिफिट्स मिलने के एक माह के अंदर यह अकाउंट खुलवाना होगा और इसमें डिपॉजिट किया जाने वाला अमाउंट रिटायरमेंट बेनिफिट्स के अमांउट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

SCSS में अकाउंट खोलने और बंद करवाने के समय नॉमिनेशन फैसिलिटी उपलब्ध है. इस अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकता है. इसमें अकाउंट होल्‍डर प्रीमैच्योर क्लोजर कर सकते हैं. लेकिन पोस्ट ऑफिस केवल अकाउंट ओपनिंग के 1 साल बंद अकाउंट क्लोज करने पर डिपॉजिट का 1.5 फीसदी काटेगा, वहीं 2 साल बाद बंद करने पर डिपॉजिट का 1 फीसदी काटा जाएगा.  SCSS की मैच्योरिटी होने के बाद अकाउंट को और तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. इस स्कीम में इन्वेस्टमेंट पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट है.  SCSS की ब्‍याज की इनकम 50,000 रुपये सालाना से ज्‍यादा हो जाती है तो आपका TDS कटने लगता है.  

नेशनल सेविंग्‍स सर्टिफिकेट (NSC) 

नेशनल सेविंग्‍स सर्टिफिकेट (NSC) में लंबी अवधि के निवेश एक बेहतर ऑप्‍शन है. इसमें निवेश की मैक्सिमम लिमिट नहीं है. साथ ही इसमें मल्‍टीपल अकाउंट खुलवाए जा सकते हैं. NSC में डिपॉजिट पर इनकम टैक्‍स के सेक्‍शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक टैक्‍स डिडक्‍शन का भी फायदा मिलता है. 

NSC में अभी सालाना 6.8 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. इसे ब्‍याज की कम्‍पाउंडिंग सालाना आधार पर होती है लेकिन इसका भुगतान मेच्योरिटी पर ही होता है. इस स्कीम का मैच्‍योरिटी 5 साल का है. 

NSC में अकांउट कम से कम 1000 रुपये से खुलता है. स्कीम में 100 रुपये के मल्‍टीपल में डिपॉजिट कर सकते हैं. कोई भी बालिग अकाउंट खुलवा सकता है. इसमें ज्‍वाइंट अकाउंट के अलावा 10 साल के ज्‍यादा उम्र के बच्‍चों के माता-पिता या कानूनी गार्जियन सर्टिफिकेट खरीद सकता है. NSC में 5 साल के पहले विड्रॉल नहीं कर सकते हैं. कुछ विशेष परिस्थितियों में ही छूट है. NSC को सभी बैंकों और NBFC द्वारा लोन के लिए कोलैटरल या सिक्योरिटी के रूप में स्वीकार किया जाता है.

मंथली इनकम स्‍कीम (MIS)

पोस्‍ट ऑफिस की मंथली इनकम स्‍कीम ( Post Office MIS) एक सुपरहिट स्‍माल सेविंग्‍स स्‍कीम है. यह एक ऐसी स्‍कीम है, जिसमें एकमुश्‍त जमा करने पर आपको हर महीने गारंटीड इनकम की गारंटी देती है. इसकी मैच्‍योरिटी 5 साल की होती है. MIS पर अभी 6.6 फीसदी सालाना ब्‍याज मिल रहा है. POMIS स्कीम में मिनिमम 1,000 रुपये के निवेश से अकाउंट खुल सकता है. सिंगल और ज्‍वाइंट दोनों तरह अकाउंट खुलवाया जा सकता है. सिंगल अकाउंट में मैक्सिमम 4.5 लाख रुपए और ज्वाइंट अकाउंट 9 लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं. इसमें ब्‍याज का भुगतान हर महीने होता है. 

MIS में प्रीमैच्‍योर क्‍लोजर हो सकता है. हालांकि, डिपॉजिट की तारीख से एक साल पूरे होने के बाद ही आप पैसा निकाल सकते हैं. नियमों के मुताबिक, अगर एक साल से तीन साल के बीच में पैसा निकालते हैं, तो डिपॉजिट अमाउंट का 2% काटकर वापस किया जाएगा. अगर अकाउंट खुलने के 3 साल बाद मैच्योरिटी के पहले कभी भी पैसा निकालते हैं तो आपकी जमा राशि का 1% काटकर वापस किया जाएगा.

 MIS में दो या तीन लोग मिलकर भी ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं. MIS अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी कर सकते हैं. मैच्योरिटी यानी पांच साल पूरा होने पर इसे आगे 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. MIS अकाउंट में नॉमिनेशन की सुविधा है. 

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पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पोस्‍ट ऑफिस की पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भी एक ऐसी स्‍कीम हैं, जिसमें लॉन्‍ग टर्म के नजरिए से निवेश कर सकते हैं. पीपीएफ पर अभी सालाना 7.1 फीसदी ब्‍याज मिल रहा है. पीपीएफ में सालाना आधार पर कम्‍पाउंडिंग होती है. पीपीएफ अकाउंट की मेच्‍योरिटी 15 साल होती है. लेकिन अकाउंटहोल्‍डर इसे 5-5 साल के ब्‍लॉक में बढ़ाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. 

पीपीएफ में इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है. इसमें स्कीम में 1.5 लाख रुपये तक निवेश का डिडक्शन लिया जा सकता है. PPF में कमाई गई ब्याज और मेच्योरिटी की राशि भी टैक्स फ्री होती है. इस तरह पीपीफ में निवेश EEE कैटेगरी में आता है. PPF अकाउंट पर लोन की भी सुविधा मिलती है. PPF अकांउट जिस साल में खुलवाया गया है, उसके खत्म होने से लेकर एक साल पूरा होने के बाद और 5 साल पूरे होने से पहले, लोन के लिए अप्‍लाई कर सकते हैं.

किसान विकास पत्र (KVP)

पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र स्कीम (KVP) भी लंबी अवधि का शानदार निवेश ऑप्‍शन है. KVP स्कीम के अंतर्गत 10 साल और 4 महीने (124 महीने) में जमा रकम डबल हो जाती है. किसान विकास पत्र पर आपको 6.9 फीसदी का सालाना कंपाउंड ब्याज मिलता है. इसमें 1000 रुपये और उसके बाद 100 रुपये के मल्‍टीपल में निवेश किया जा सकता है. इस स्कीम में इन्वेस्ट की कोई अधिकतम लिमिट नहीं है, यानी आप जितना चाहें इस स्कीम में पैसा डाल सकते हैं. 

भारतीय व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है वो अपना अकाउंट इसमें खुलवा सकते हैं. हालांकि, अकाउंट खुलवाने की कोई भी ऊपरी आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है. लेकिन इसके तहत नाबालिग के नाम से भी KVP सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं. NRI इस स्कीम के लिए पात्र नहीं है. दो वयस्क किसान विकास पत्र का ज्वाइंट अकाउंट भी चला सकते हैं. इस स्कीम में नॉमिनी की भी सुविधा है. पोस्ट ऑफिस आपको अपने किसान विकास पत्र अकाउंट को किसी दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर करने की भी सुविधा देता है. आप दूसरे डाकघर यानी पोस्ट ऑफिस में भी अपना अकाउंट ट्रांसफर करा सकते हैं.

पोस्‍ट ऑफिस की स्‍कीम्‍स में निवेश पूरा सेफ  

स्‍माल सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स को सरकार स्‍पांसर करती है. इसलिए इसमें सब्सक्राइबर्स को निवेश पर पूरी सुरक्षा मिलती है. इसमें कमाए गए ब्याज पर सॉवरेन गारंटी होती है, जो इसे बैंक के ब्याज के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित बनाती है. इसकी तुलना में बैंक डिपॉजिट पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा 5 लाख रुपये तक रकम ही इंश्‍योर्ड रहती है. 

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