कोरोना काल के बाद यह पहली बार है जब ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में पीएम मोदी फिजिकली प्रजेंट हुए. इससे पहले कोरोना संक्रमण के कारण ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को वर्चुअली किया जा रहा था. इस कार्यक्रम में दिल्ली और NCR के करीब 1000 छात्र शामिल हुए.
‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम शुरू होते ही पीएम मोदी ने कहा, ‘ये मेरा बड़ा प्रिय कार्यक्रम है. लेकिन कोरोना के कारण बीच में मैं आप जैसे साथियों से मिल नहीं पाया. मेरे लिए आज का कार्यक्रम विशेष खुशी का है, क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद आप सबसे मिलने का मौका मिल रहा है.’
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छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है. हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं. इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं. पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं. जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाले एक्जाम के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता हैं.
पीएम मोदी ने कहा, ‘जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं, या reel देखते हैं? दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है. क्लासरूम में भी कई बार आपका शरीर क्लासरूम में होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी, लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी, क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा.’
छात्रों के एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है. जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं. इसका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है, मन समस्या है. माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, अगर मन पूरा उसमें डूबा हुआ है, तो आपके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा.’
नई शिक्षा नीति पर भी पीएम मोदी ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ‘2014 से ही हम नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के काम पर लगे थे. हिंदुस्तान के हर कोने में इस काम के लिए इस विषय पर brainstorming हुआ. देश के अच्छे विद्वान, जो लोग साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़े थे, उसके नेतृत्व में इसकी चर्चा हुई. उससे जो ड्राफ्ट तैयार हुआ उसे फिर लोगों के बीच भेजा गया, उस पर 15-20 लाख इनपुट आए. इतने व्यापक प्रयास के बाद नई शिक्षा नीति आई है.’
पीएम मोदी ने कहा, पहले हमारे यहां खेलकूद एक एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था. लेकिन इस नेशनल एजुकेशनल पॉलिसी में उसे शिक्षा का हिस्सा बना दिया गया है.
छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए पीएम मोदी ने कहा, खुद को जानना बहुत जरूरी है. उसमें भी कौन सी बातें हैं जो आपको निराश करती हैं, उन्हें जानकर अलग कर लें. फिर आप ये जाने लें कि कौन सी बातें आपको सहज रूप से प्रेरित करती हैं.
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पीएम मोदी ने कहा, हर विद्यार्थी को लगता है कि मुझे याद नहीं रहता है, ये मैं भूल गया. लेकिन आप देखेंगे कि एग्जाम के समय पर अचानक ऐसी चीजें निकलने लगेंगी के आप सोचेंगे कि मैनें तो कभी इस विषय को छुआ तक नहीं था, लेकिन अचानक सवाल आ गया और मेरा जवाब भी बहुत अच्छा रहा.
ध्यान की अहमियत समझाते हुए पीएम ने कहा कि यह कोई बड़ा विज्ञान नहीं है ना ही इसके लिए हिमालय जाने की जरूरत है. ध्यान बेहद सहज है, बस वर्तमान में जीने की कोशिश कीजिए. जो वर्तमान में जीता है उसके भविष्य पर सवाल नहीं उठते. इसका सीधा संबंध स्मरणशक्ति से. पीएम ने कहा कि मन स्थिर रखिए, स्मरण होना शुरू हो जाएगा.