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बिहार

जमीन का सर्वे पूरा होते ही नीतीश सरकार किसानों से वसूलेगी 3 गुना लगान

सर्वे पूरा होने के साथ लाभ यह होगा कि राज्यभर के लगान की दर में एकरूपता आ जाएगी। अभी उन इलाकों के लिए अलग दर है, जहां रिविजन सर्वे हुआ था। हर साल किसानों पर 500 करोड़ का बोझ बढ़ जाएगा।

बिहार के जिन इलाकों में सर्वे का काम पूरा हो जाएगा, वहां के किसानों का खर्चा बढ़ जाएगा। उन इलाके के किसानों को जमीन के लगान के रूप में तीन गुनी राशि का भुगतान करना होगा। लेकिन सर्वे पूरा होने के साथ लाभ यह होगा कि राज्यभर के लगान की दर में एकरूपता आ जाएगी। अभी उन इलाकों के लिए अलग दर है, जहां रिविजन सर्वे हुआ था। कैडेस्ट्रल सर्वे वाले जिलों के लिए दर अलग है। दर रिवाइज होने पर हर साल किसानों पर लगभग पांच सौ करोड़ का बोझ बढ़ जाएगा।

गौरतलब है कि राज्य में सर्वे पूर्ण होने के साथ ही लगान की दर भी रिवाइज होती है। विभाग भले अभी घोषित न करे लेकिन जिन 20 जिलों में पहले चरण में सर्वे शुरू हुआ था उनमें अधिसंख्य जिलों का काम भी पूरा हो गया है। विभाग घोषणा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हरी झंडी का इंतजार कर रहा है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने लगान की जो नई दर को मंजूरी है उसके अनुसार अब वास भूमि के लिए एक रुपए और कृषि भूमि के 60 पैसे प्रति डिसमिल देना होगा। वर्तमान में किसान 20 पैसे प्रति डिसमिल की दर से लगान देते हैं। यह पुरानी दर उन जिलों के लिए है, जहां सिर्फ कैडेस्ट्रल सर्वे हुआ है। लेकिन उन 13 जिलों में जहां रिविजनल सर्वे भी हुआ है वहां की दर इससे कुछ ज्यादा है। लेकिन अब नया सर्वे हो जाने पर राज्यभर में लगान की दर एक ही होगी। इसके अलावा चार तरह का शेष भी अभी किसानों को देना होता है। नई दर लागू हो जाने पर उम्मीद है कि सरकार शेष को लगान में मर्ज कर दे। अगर ऐसा हुआ तो किसानों का बोझ कुछ कम होगा।

बता दें कि पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, भोजपुर, सारण, दरभंगा, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, रोहतास, पू. चम्पारण, मधुबनी, समस्तीपुर, सीवान, गोपालगंज व नवादा में भी सर्वे शुरू हो गया है। इसके अलावा बीस जिलों में सर्वे पहले से चल रहा है। इन बीस में अधिसंख्य जिलों में काम पूरा हो गया है। वहां सर्वे पूरा होने की घोषणा के साथ ही लगान की नई दर लागू हो जाएगी। सर्वे में सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है कि सभी जिलों में काम पूरा होने के बाद अब आगे जमीन के सर्वे की जरूरत नहीं होगी। बंटवारा से या खरीद-बिक्री से भूखंड के खंडित होने पर नक्शे में बदलाव व नामांतरण साथ हो जाएगा।

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