दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने रिठाला-नरेला कॉरिडोर के निर्माण के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को 130 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
दिल्ली के नरेला में भी अलग मेट्रो रूट होगा और इसके लिए लगातार बैठक हो रही है. वहीं अब दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने चौथे फेज के लिए प्रस्तावित रिठाला-नरेला कॉरिडोर के निर्माण के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को 130 करोड़ रुपये जारी किए हैं. डीडीए का मानना है कि इस मेट्रो कनेक्टिविटी से नरेला में प्लॉटिंग के साथ साथ नरेला को शहर की कनेक्टिविटी से भी जोड़ा जाएगा. इसके लिए डीडीए और डीएमआरसी एक साथ काम कर रहे हैं, ताकि उत्तर-पश्चिम दिल्ली के दूर-दराज के इलाकों में मेट्रो कनेक्टिविटी लाई जा सके. रिठाला-बवाना-नरेला के लिए रूट पहले ही डीएमआरसी द्वारा अपने चौथे फेज की परियोजना के हिस्से के रूप में प्रस्तावित किया गया है.
डीएमआरसी के अनुसार लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत जनरल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के अभाव में दिल्ली के अन्य क्षेत्रों की तुलना में नरेला उप-शहर की डीडीए आवास योजनाओं को कम पसंद किया गया था. हालांकि अब प्रस्तावित मेट्रो मार्ग से नरेला के लोगों की पहुंच और कनेक्टिविटी में सुधार होगा. डीडीए ने प्रस्तावित मेट्रो रूट के समय पर कार्यान्वयन के लिए 130 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसमें से कुल 1,000 करोड़ रुपये कॉरिडोर के लिए हैं.
डीडीए किफायती सार्वजनिक परिवहन साधनों के लिए मेट्रो और शहरी विस्तार सड़क के एकीकृत निर्माण के लिए एनएचएआई और डीएमआरसी के साथ भी समन्वय कर रहा है. नरेला उप-शहर डीडीए की तीन उप-शहर परियोजनाओं में से एक है, जिसमें द्वारका और रोहिणी शामिल हैं. डीडीए द्वारा डीएमआरसी और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ इस कॉरिडोर के लिए मेट्रो रूट को अंतिम रूप देने के लिए कई बैठकें आयोजित की गई थीं.