जल्द ही आपके व्हीकल का फिटनेस सर्टिफिकेट एक ऑटोमैटिक मशीन के जरिए टेस्ट किया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरूवार को एक बयान में कहा है कि साल 2023 के अप्रैल से सभी भारी गाड़ियों के लिए ये नियम अनिवार्य हो जाएंगे।
नई दिल्ली, पीटीआई। सरकार ने अगले साल अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों (एटीएस) के जरिए वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्य कर दिया है।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि एटीएस के माध्यम से भारी माल वाहनों और भारी यात्री मोटर वाहनों के लिए फिटनेस टेस्ट 1 अप्रैल 2023 से अनिवार्य होगा। जबकि मध्यम माल वाहनों और मध्यम यात्री मोटर वाहनों और हल्के मोटर वाहनों (परिवहन) के मामले में 1 जून, 2024 से फिटनेस टेस्क करवाना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों के जरिए मोटर वाहनों की अनिवार्य फिटनेस के संबंध में 5 अप्रैल 2022 को एक अधिसूचना जारी की थी। मंत्रालय के बयान में कहा था कि ‘ये मसौदा नियम इन पहलुओं में संशोधन करने का प्रस्ताव करते हैं। इन केंद्रों की स्थापना के लिए अर्हता, जांच के नतीजों को उपकरण से सर्वर में स्वचालित रूप से प्रेषित करने, एक राज्य में पंजीकृत वाहनों को दूसरे राज्य में जांच योग्य बनाना और एक वाहन को उपयोग लायक नहीं घोषित करने के लिए मानदंड हैं।’
आपको जानकारी के लिए बता दें, सरकार ने वाहनों की ‘फिटनेस’ की जांच के लिए एक ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन स्थापित करने की अर्हता में कुछ संशोधन करने का फैसला किया है। 5 अप्रैल को जारी किए गए नोटिफेशन के अनुसार भारी माल वाहन और भारी यात्री वाले मोटर वाहन के लिए आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) के जरिये फिटनेस जांच एक अप्रैल 2023 से अनिवार्य हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ मध्यम माल वाहक वाहन व मध्यम यात्री वाले वाहन और हल्के मोटर वाहन के लिए फिटनेस जांच एक जून 2024 से शुरू की जाएगी।
बयान के मुताबिक कुछ नए उपकरण इलेक्ट्रिक वाहनों की जांच के लिए जोड़े गए हैं। अधिसूचना सभी हितधारकों की प्रतिक्रिया और सुझाव के लिए 30 दिनों तक उपलब्ध रहेगी। निजी वाहनों (गैर-परिवहन) के लिए फिटनेस टेस्ट रजिस्ट्रेशन का रिन्युअल करवाने का समय (15 वर्ष के बाद) है।