मुंबई, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भू-राजनीतिक घटनाक्रम के कारण मुद्रा दबाव में आने से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट के साथ 11.173 अरब डॉलर घटकर 606.475 अरब डॉलर रह गया है।
पिछले सप्ताह भी घटा था विदेशी मुद्रा भंडार
25 मार्च को समाप्त पिछले सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.03 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 617.648 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था।
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इससे पहले सबसे खराब साप्ताहिक गिरावट
बता दें कि इससे पहले पिछली सबसे खराब साप्ताहिक गिरावट 11 मार्च को समाप्त सप्ताह में थी, तब विदेशी मुद्रा भंडार में 9.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की गिरावट आई थी।
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट का कारण
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट मुख्य मुद्रा परिसंपत्तियों में गिरावट के कारण आई, जो 10.727 बिलियन अमरीकी डॉलर गिरकर 539.727 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गई। फिलहाल, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण ने मुद्रा बाजारों में परेशानियां पैदा कर दी हैं।
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विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ने वाले प्रभाव
डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाले विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्रा में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभाव शामिल हैं। आमतौर पर मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए आरबीआई अपने भंडार से कुछ हिस्सा बेचकर बाजार में हस्तक्षेप करता है।
सोने के भंडार का मूल्य भी घटा
आरबीआई के आंकड़ों से पता चला कि समीक्षाधीन सप्ताह में सोने के भंडार का मूल्य भी 507 मिलियन अमरीकी डालर घटकर 42.734 बिलियन अमरीकी डालर हो गया।
और क्या कहते हैं आरबीआई के आंकड़े?
आरबीआई ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ विशेष आहरण अधिकार (SDR) 58 मिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 18.879 बिलियन अमरीकी डालर हो गया।
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आंकड़ों से पता चलता है कि आईएमएफ के साथ देश की रिजर्व पोजिशन भी समीक्षाधीन सप्ताह में 4 मिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 5.136 बिलियन अमरीकी डालर हो गई है।