नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत 7 सालों में कुल 18.60 लाख करोड़ रुपये की धनराशि के लिए 34.42 करोड़ से अधिक ऋण खाते खोले गए हैं। बता दें कि वित्तीय समावेश के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत की गयी थी। योजना को शुरू हुए 7 साल हो चुके हैं। पीएम मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को पीएमएमवाई की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक की ऋण सुविधा प्रदान करना है।
ये भी पढ़ें:-31 ट्रेनों में कंबल और बिस्तर सेवाएं फिर से शुरू, कोरोना के कारण लगाई गई थी रोक
योजना की 7वीं वर्षगांठ
योजना की 7वीं वर्षगांठ के मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “आय सृजन गतिविधियों के निर्माण के लिए इस योजना के तहत कुल 18.60 लाख करोड़ रुपये की धनराशि के लिए 34.42 करोड़ से अधिक ऋण खाते खोले गए हैं।” वित्त मंत्री ने कहा कि योजना ने खास तौर से छोटे व्यवसायों के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि इसने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा किये हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि 68 प्रतिशत अधिक ऋण खाते महिलाओं के लिए स्वीकृत किये गए हैं और 22 प्रतिशत ऋण नए उद्यमियों को दिये गए हैं, जिन्होंने योजना की शुरुआत के बाद से अब-तक ऋण नहीं लिए थे। सीतारमण ने कहा, “अब तक स्वीकृत कुल ऋणों में से 51 प्रतिशत ऋण अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ओबीसी श्रेणी समुदाय को दिए गए हैं।”
ये भी पढ़ें:-बड़ी राहत: पेट्रोल-डीजल ने नए रेट जारी, सबसे सस्ता पेट्रोल 91.45 रुपये और डीजल 85.83 रुपये लीटर
वित्त मंत्रालय ने जारी किया बयान
वित्त मंत्रालय द्वारा बयान के अनुसार, ऋण की औसत धनराशि लगभग 54,000 रुपये है। इसके तहत दिए गए 86 प्रतिशत ऋण ‘शिशु’ श्रेणी के हैं। इसके तहत लगभग 23 प्रतिशत ऋण एससी और एसटी समुदाय के लोगों को दिए गए हैं और लगभग 28 प्रतिशत ऋण ओबीसी समुदाय के कर्ज लेने वालों को दिए गए हैं। वहीं, लगभग 11 प्रतिशत ऋण अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को दिए गए हैं।