रिसर्चर्स ने पहले 10 हेल्दी पुरुषों के स्पर्म की मात्रा की जांच की. इसके बाद कोरोना से हाल ही में रिकवर 17 पुरुषों की जांच की. इन 17 पुरुषों में स्पर्म बनाने वाले प्रोटीन की मात्रा कम पाई गई है.
Coronavirus Effect on Male Fertility: लगभग दो साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. अब तक करोड़ों लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और कई लोगों ने अपनी जान इस बीमारी के कारण गंवाई है. कोरोना महामारी के शुरू होने के बाद से इसके ऊपर वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं. हाल ही में एक नया रिसर्च सामने आया है जिसमें यह दावा किया गया है कि कोरोना वायरस पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालता है. इस रिसर्च में यह भी पता चला है कि हल्के लक्षण के बाद भी कोरोना वायरस पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डाल रहा है.
गौरतलब है, कि IIT-बॉम्बे ने अपनी स्टडी में यह दावा किया है कि कोरोना वायरस के शिकार होने पर और हल्के लक्षण आने पर भी वायरस पुरुषों के शरीर में बनने वाले प्रोटीन (जो प्रजनन के लिए आवश्यक है) उन पर बहुत बुरा असर डालता है. इससे भविष्य में लोगों को बच्चा पैदा करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. IIT-बॉम्बे द्वारा की गई स्टडी को ‘ACS Omega’ नाम के एक मैगजीन में छापा गया है. इस रिसर्च में IIT-बॉम्बे के शोधकर्ताओं के साथ-साथ मुंबई के जसलोक अस्पताल के रिसर्चर्स भी इस रिसर्च में शामिल थें. इस रिसर्च में उन पुरुषों के स्पर्म काउंट की जांच की गई है जो कोरोना से कुछ दिनों पहले ही रिकवर हुए हैं.
स्पर्म काउंट (Sperm Count) में आई कमी
आपको बता दें कि शोधकर्ता इस रिसर्च से यह पता लगाने चाहते थे कि कोविड-19 (Covid-19) से रिकवर होने के बाद पुरुषों के स्पर्म काउंट में कोई कमी आई है या नहीं. इसके साथ ही इस संक्रमण का पुरुषों के प्रजनन शक्ति पर लंबे समय के बाद कोई बुरा असर होता है या नहीं. इस रिसर्च में यह पाया गया है कि जो पुरुष कोरोना वायरस से रिकवर हुई हैं उनमें स्पर्म की मात्रा काफी कम दर्ज की गई है. स्पर्म काउंट कम होने का कारण है स्पर्म बढ़ाने वाले प्रोटीन में बदलाव. प्रोटीन में बदलाव के कारण पुरुषों में स्पर्म की मात्रा इस रिसर्च में कम पाई गई है.
रिसर्च से निकला यह रिजल्ट
रिसर्चर्स ने पहले 10 स्वास्थ्य पुरुषों के स्पर्म की मात्रा की जांच की. इसके बाद कोरोना से हाल ही में रिकवर 17 पुरुषों की जांच की. इन 17 पुरुषों में स्पर्म बनाने वाले प्रोटीन की मात्रा कम पाई गई है. यह सभी पुरुष 20 से 45 साल की उम्र के बीच के हैं. ध्यान रखने वाली बात ये है कि इन सभी 17 पुरुषों में पहले से किसी तरह की प्रजनन संबंधी समस्या नहीं देखी गई थी.