MP News: मौसम विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर राजेंद्र कुमार गुप्त के मुताबिक अगले 2 महीने तक तापमान में गिरावट आने की संभावना कम है. कुछ समय के लिए तापमान ऊपर-नीचे जरूर हो सकता है, मगर गर्मी जारी रहेगी.
MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में गर्मी के थपेड़ों और लगातार बढ़ रहे तापमान की वजह से लोगों के बीमार पड़ने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है. वर्तमान समय में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है. डॉक्टरों ने भी तापमान को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है. डिहाइड्रेशन के मामले बढ़ने से अस्पताल फूल हो रहे हैं. उज्जैन (Ujjain) में अधिकतम तापमान 41.9 डिग्री तक पहुंच गया है. ऐसी आशंका है कि आने वाले दिनों में तापमान और भी बढ़ सकता है. ऐसी स्थिति में उल्टी और दस्त के मरीज बड़ी तादाद में बढ़ रहे हैं.
उज्जैन के जिला अस्पताल में उल्टी-दस्त के लिए बनाया गया डीवीडी वार्ड फुल हो गया है. इसके अलावा आस-पास के जिलों में भी उल्टी और दस्त के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. डॉ. जितेंद्र शर्मा के मुताबिक वर्तमान समय में उल्टी और दस्त के मरीजों की संख्या में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उज्जैन ही नहीं बल्कि देहात और आगर, शाजापुर, देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच जिलों में भी उल्टी दस्त के मरीजों में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
मौसम विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर राजेंद्र कुमार गुप्त के मुताबिक अगले 2 महीने तक तापमान में गिरावट आने की संभावना कम है. कुछ समय के लिए तापमान ऊपर-नीचे जरूर हो सकता है, मगर गर्मी का प्रकोप लगातार जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि पूरे मध्य प्रदेश में आने वाले दिनों में लू चलने की संभावना है. कुछ जिलों में लू चल रही है.
डॉक्टर ने दी ये सलाह
सरकारी अस्पताल के आरएमओ डॉ. जितेंद्र शर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में यदि अत्यंत आवश्यक परिस्थिति हो तो ही दोपहर 12 से 3 के बीच बाहर निकलना चाहिए. डॉ. जितेंद्र शर्मा ने बताया कि बाहर निकलते समय एक ग्लास पानी पीना चाहिए. इसके अलावा वर्तमान समय में फलों का रस, नारियल पानी और तरल पदार्थों के साथ-साथ पचने वाला भोजन करना चाहिए, ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके. इसके अलावा नींबू पानी और नमक, शक्कर का घोल भी लगातार लेना चाहिए.
डॉ. जितेंद्र शर्मा के मुताबिक वर्तमान समय में छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. गर्मी के कारण छोटे बच्चे और बुजुर्ग जल्द ही बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. फिलहाल कोविड का प्रभाव भले ही कम हो गया है, मगर हाइड्रेशन भी बिगड़ने पर जानलेवा बन सकता है.