आज देशभर में गुरु तेग बहादुर साहिब का 400 वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है. सिख सुमदाय इस पर्व को बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाता है. गुरुद्वारों में इस दिन के उपलक्ष्य में खूब सजावट की जाती है.
आज देशभर में गुरु तेग बहादुर साहिब का 400 वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है. सिख सुमदाय इस पर्व को बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाता है. गुरुद्वारों में इस दिन के उपलक्ष्य में खूब सजावट की जाती है. गुरु तेग बहादुर सिखों के 9वें गुरू थे. इन्होंने धर्म, मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. गुरु तेग बहादुर का जन्म वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. आइए जानते हैं गुरु तेग बहादुर से जुड़ी कुछ खास बातें…
सिखों के 9वें गुरु गुरु तेग बहादुर के विचार और शिक्षाएं अमूल्य हैं. ये लोगों के जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं. इनका जन्म 18 अप्रैल 1621 में पंजाब के अमृतसर में हुआ था. ये हरगोबिंद साहब के सबसे छोटे पुत्र हैं. गुरू तेग बहादुर ने लोगों के कल्याण, आर्थिक और अध्यात्मिक उद्दार के लिए कई कार्य किए हैं. उन्होंने लोगों के प्रेम, एकता, और भाईचारे का संदेश दिया.
गुरु तेग बहादुर जी के विचार
- एक सज्जन व्यक्ति वह है जो अनजाने में किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाए.
- गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो
- आध्यात्मिक मार्ग पर दो सबसे कठिन परीक्षण हैं, सही समय की प्रतीक्षा करने का धैर्य और जो सामने आए उससे निराश ना होने का साहस
- अपने सिर को छोड़ दो, लेकिन उन लोगों को त्यागें जिन्हें आपने संरक्षित करने के लिए किया है. अपना जीवन दो, लेकिन अपना विश्वास छोड़ दो
- सफलता कभी अंतिम नहीं होती, विफलता कभी घातक नहीं होती, इनमें जो मायने रखता है वो है साहस
- एक सज्जन व्यक्ति वह है जो अनजाने में किसी की भावनाओ को ठेस ना पहुंचाएं
- सफलता कभी अंतिम नहीं होती, विफलता कभी घातक नहीं होती, इनमें जो मायने रखता है वो है साहस
- जो अपने अहंकार को जीतता है और सभी चीजों के एकमात्र द्वार के रूप में भगवान को देखता है. उस व्यक्ति ने ‘जीवन मुक्ति’ को प्राप्त किया है, इसे असली सत्य के रूप में जानते हैं.
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