आरबीआई (क्रेडिट कार्ड एंड डेबिट कार्ड – इश्युएंस एंड कंडक्ट) डायरेक्शन 2022 के तहत क्रेडिट कार्ड से संबंधित प्रावधान शेड्यूल बैंक (Scheduled Bank) और एनबीएफसी (NBFC) पर लागू होंगे.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड जारी करने के लिए मास्टर डायरेक्शंस जारी किए हैं. ये डायरेक्शंस गुरुवार यानी 21 अप्रैल, 2022 को जारी किए गए हैं. आरबीआई (क्रेडिट कार्ड एंड डेबिट कार्ड – इश्युएंस एंड कंडक्ट) डायरेक्शन 2022 के तहत क्रेडिट कार्ड से संबंधित प्रावधान पेमेंट्स बैंकों, राज्य को-ऑपरेटिव बैंकों और जिला केंद्रीय को-ऑपरेटिव बैंकों को छोड़कर हर शेड्यूल बैंक (Scheduled Bank) पर लागू होंगे. इसके अलावा भारत में ऑपरेट होने वाले सभी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के लिए यह निर्देश हैं.
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1 जुलाई 2022 से प्रभावी होंगे डायरेक्शंस
केंद्रीय बैंक की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ये डायरेक्शंस क्रेडिट, डेबिट और को-ब्रांडेड कार्ड से संबंधित सामान्य और कंडक्ट नियमों को कवर करते हैं, जिन्हें क्रेडिट, डेबिट और को-ब्रांडेड कार्डों पर लागू प्रूडेंशियल, पेमेंट और टेक और साइबर सुरक्षा संबंधी डायरेक्शंस के साथ पढ़ा जाएगा. ये डायरेक्शंस 1 जुलाई 2022 से प्रभावी होंगे.
मास्टर डायरेक्शंस की मुख्य बातें
>> कार्ड जारी करने वाली कंपनी पर्सनल यूज के लिए क्रेडिट कार्ड/चार्ज कार्ड जहां कहीं आवश्यक हो, ऐड-ऑन कार्ड के साथ जारी कर सकते हैं. कंपनी ओवरड्राफ्ट अकाउंट्स से जुड़े कार्ड भी जारी कर सकते हैं जो पर्सनल लोन की तरह हैं. इसके अलावा कंपनी व्यावसायिक खर्चों के लिए बिजनेस संस्थाओं/व्यक्तियों को बिजनेस क्रेडिट कार्ड जारी कर सकते हैं. ऐड-ऑन कार्ड केवल उन व्यक्तियों को जारी किए जाएंगे जिन्हें मुख्य कार्डधारक द्वारा पर्सनल और बिजनेस क्रेडिट कार्ड कैटेगरी के अंतर्गत विशेष रूप से पहचाना जाता है.
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>> क्रेडिट कार्ड को बंद करने के किसी भी रिक्वेस्ट को क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी द्वारा 7 वर्किंग डेज के भीतर पूरा किया जाएगा, बशर्ते कि कार्डधारक द्वारा सभी ड्यूज अमाउंट का पेमेंट किया जाए. क्रेडिट कार्ड बंद होने के बाद, कार्डहोल्डर को तुरंत ईमेल, एसएमएस आदि के जरिए बंद होने के बारे में नोटिफाइड किया जाएगा.
>> कार्ड जारी करने वाली कंपनी अपनी वेबसाइट और अन्य माध्यमों से ग्राहकों की विभिन्न कैटेगरी से ली जाने वाली ब्याज दरों का प्रचार करेंगे.
>> कार्ड इश्यूर्स यह सुनिश्चित करेंगे कि बिल भेजने में कोई देरी न हो और ग्राहक से ब्याज वसूलने से पहले पेमेंट करने के लिए पर्याप्त दिन (कम से कम एक पखवाड़ा) होना चाहिए. कार्ड इश्यूर्स यह सुनिश्चित करेंगे कि गलत बिल नहीं बनाए गए हैं और कार्डहोल्डर्स को जारी नहीं किए गए हैं.