प्रीपेमेंट आपकी निश्चित ईएमआई से अलग रकम होती है जो आप अपने ऋणदाता को भुगतान करते हैं. प्रीपेमेंट की रकम आपका मूल कर्ज घटाने में मदद करती है. इसका असर आपके अगले महीने की ईएमआई में जुड़ने वाले ब्याज पर पड़ता है.
नई दिल्ली. घर के लिया गया लोन समय से पहले चुका देना किसी भी कर्जदार के लिए फायदे का सौदा होता है. हालांकि, बैंक ब्याज से होने वाली कमाई के चलते नहीं चाहते कि आप ऐसा करें. हालांकि, अपना लोन चुकाने का सबसे स्मार्ट तरीका यही होता है कि आप छोटी-छोटी प्रीपेमेंट के जरिए जल्द अपना लोन खत्म कर दें.
आप जब किसी वित्तीय संस्थान से घर के लिए लोन लेते हैं तो आपको मासिक किस्तों में इसे चुकाना होता है. ऋणदाता आपके खाते से यह रकम इंस्टॉलमेंट में निकालता रहता है. ईएमआई के 2 हिस्से होते हैं. पहला मूल और दूसरा ब्याज. उदाहरण के लिए अगर आपकी ईएमआई 10,000 रुपये है तो इसका एक हिस्सा आपका ब्याज चुकाने में जबकि दूसरा मूलधन घटाने में जाएगा. यह इक्वेशन समय के साथ बदलती रहती है.
प्रीपेमेंट में क्या होता है
जब भी आप प्रीपेमेंट करते हैं तो यह सीधा आपका मूलधन घटाने में इस्तेमाल होता है. यह बहुत जरुरी पहलू है. क्योंकि अगर आपका मूलधन कम होता है तो ब्याज उसी पर कैलकुलेट किया जाएगा. मूल जितना कम होगा आपके लिए उतना बेहतर. इससे आपको ब्याज घटाने में मदद मिलेगी और आपने जितने समय का लोन लिया था उससे पहले चुकता हो जाएगा.
प्रीपेमेंट से क्या फर्क पड़ता है
मान लीजिए आपने 20 लाख रुपये का लोन लिया 20 साल के लिए. आपकी ब्याज दर तय हुई 7.5 फीसदी. आप हर महीने 16,111 रुपये की किस्त चुकाते हैं. इस तरह से 20 साल बाद आपका 20 साल का लोन 38.7 लाख रुपये पर जाकर खत्म होगा. यानी आपने केवल ब्याज पर 18 लाख रुपये से अधिक चुकाए. वहीं, अगर आप हर महीने 1,000 रुपये की प्रीपेमेंट करते हैं तो 20 साल में यह आपकी 29 ईएमआई के बराबर हो जाएगा. मतलब आपका लोन करीब 2 साल पहले खत्म.
लोन लेने से पहले प्रीपेमेंट की जानकारी लें
अगर आप कार, बाइक या घर पर लोन लेने जा रहे हैं तो अनिवार्य रूप से अपने कर्जदाता से प्रीपेमेंटे के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें. यह भी सुनिश्चित कर लें कि प्रीमेंट आप ऑनलाइन कर सकते हैं या नहीं, कहीं आपको हर प्रीपेमेंट के लिए बैंक तो नहीं जाना होगा. प्रीपेमेंट से आप अपना लोन जल्दी खत्म कर आराम का जीवन जी सकते हैं.