DDA आवासीय परियोजना 2021 में पेश करीब 18 हजार फ्लैट में से बचे फ्लैटों को दोबारा बेचने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए मंत्रालय से अनुमति मांगी है. एक बार वहां से अप्रूवल मिलने के बाद DDA जल्द इन फ्लैट के लिए आवेदन मांगेगा और पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर बिक्री शुरू करेगा.
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में अपने मकान का सपना हर किसी का होता है. अगर आप भी दिल्ली में सस्ते मकान की तलाश कर रहे हैं तो जल्दी करें, क्योंकि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर 13,000 फ्लैट की बिक्री करने जा रहा है.
DDA कमिश्नर वीएस यादव ने बताया कि स्पेशल हाउसिंग स्कीम 2021 में बिक्री से बचे फ्लैटों के लिए अब आवेदन लिए जा रहे हैं. योजना के तहत कुछ हफ्ते पहले ड्रॉ निकाला गया था, जिसमें महज 5,227 खरीदारों को ही मकान अलॉट किए जा सके. योजना के तहत कुल 18,335 फ्लैट का आवंटन किया जाना था. अब शेष बचे फ्लैट की बिक्री के लिए दोबारा मंत्रालय में आवेदन किया गया है. अगर यह अप्रूव होता है तो शेष बचे करीब 13 हजार फ्लैट की बिक्री पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर की जाएगी.
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ड्रॉ से चुने जाएंगे खरीदार
सूत्रों का कहना है कि बचे हुए फ्लैट पुरानी आवासीय योजना के हैं और इसे दोबारा बिक्री के लिए पेश किए जाने से पहले एजेंसी को मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी. एक बार वहां से अप्रूवल आ जाए तो खरीदारों से इन फ्लैटों के लिए आवेदन मांगे जाने शुरू होंगे. इसके बाद अंतिम रूप से खरीदार का चुनाव ड्रॉ के जरिये ही किया जाएगा. यह ड्रॉ ऐसे फ्लैट के लिए होगा जो या तो सरेंडर किए गए हैं या फिर रिजेक्ट हुए अथवा बिक नहीं पाए हैं.
सबसे ज्यादा फ्लैट नरेला में
बिक्री के लिए पेश किए जाने वाले फ्लैट में सबसे ज्यादा संख्या नरेला में है, जहां करीब 8,000 फ्लैटों के लिए खरीदार की तलाश है. इसके अलावा रोहिणी, द्वारिका, सिरसपुर, रामगढ़ और लोक नायक पुरम में भी कई फ्लैट खाली हैं. वीएस यादव ने कहा कि कई खरीदारों ने ड्रॉ में नाम आने के बावजूद आवंटन नहीं कराया. हालांकि, निवेश के लिहाज से पैसे लगाने वालों ने अपना नाम जरूर शामिल किया है. ऐसे में अगर पहले से आवंटन किए गए फ्लैट के खरीदार दोबारा रुचि दिखाते हैं तो उन्हें बिना ड्रॉ के ही मौका दिया जाएगा. ऐसे करीब 20 फीसदी खरीदार होंगे जो इसमें हिस्सा ले सकते हैं.
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2014 के बाद से फ्लैट बेच नहीं पा रहा DDA
मकान खरीदार अब ज्यादा सुविधाएं मिलने की वजह से DDA के बजाए प्राइवेट डेवलपर्स से फ्लैट खरीदना बेहतर समझते हैं. यही कारण है कि DDA साल 2014 के बाद से अपने फ्लैट की बिक्री करने में नाकाम रहा है. तब करीब 10 हजार खरीदारों ने DDA को अपने फ्लैट सरेंडर कर दिए थे. उनका कहना था कि बवाना, नरेला और रोहिणी में बेचे गए फ्लैट का आकार काफी छोटा होने के साथ यहां से कनेक्टिविटी की समस्या भी है.
DDA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं और जल्द समस्या का समाधान किया जाएगा. DDA के नए इन्फ्रा प्रोजेक्ट में कनेक्टिविटी का खास ख्याल रखा जा रहा है. नरेला में भी जल्द ही तीसरे रिंग रोड, नॉलेज सिटी और मेट्रो जैसी सुविधाओं को शुरू किया जाएगा.