Taj mahal controversy: जगद्गुरु परमहंस आचार्य का आरोप है कि भगवा कपड़ों की वजह से सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ताजमहल परिसर में घुसने से रोक दिया. हालांकि इस मामले में ASI ने भी अपनी सफाई दी और आरोपों का खंडन किया है.
Jagatguru Paramhans Acharya stopped at Taj mahal: आगरा के विश्व प्रसिद्ध ताजमहल से एक नया विवाद सामने आया है. यहां अयोध्या के जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल में एंट्री करने से रोक दिया गया. परमहंस आचार्य अपने तीन शिष्यों के साथ ताजमहल देखने पहुंचे थे लेकिन उन्हें रोक दिया गया.
ब्रह्मा दंड के साथ जाना चाहते थे जगद्गुरु
जगद्गुरु का आरोप है कि भगवा कपड़ों की वजह से सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ताजमहल परिसर में घुसने से रोक दिया. हालांकि एएसआई अधीक्षण राजकुमार पटेल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जगद्गुरु के पास मौजूद लोहे के ब्रह्मा दंड की वजह से उन्हें एंट्री नहीं दी गई थी.
सुरक्षाकर्मियों ने जगदगुरु से ब्रह्मा दंड जमा कर अंदर जाने की अपील की थी. इसके बाद बिना ब्रह्मा दंड के जगदगुरु ने ताजमहल में जाने से कर दिया. इसके बाद महंत ने वहां मौजूद अपने शिष्यों को आशीर्वाद दिया और वापस लौट गए.
‘ताजमहल असल में शिव का मंदिर’
इस बीच परमहंस आचार्य का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि यहां एक खास धर्म के लोगों को महत्व दिया जाता है. इस वीडियो में उन्होंने कहा कि दुनिया को ताजमहल के इतिहास के बारे में गलत बताया गया. ताजमहल असल में भगवान शिव का मंदिर है, जिसे पहले तेजोमहालय के नाम से जाना जाता था.
ताजमहल परिसर में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है. शुक्रवार के दिन ताजमहल के अंदर बनी मस्जिद में सिर्फ नमाज अदा करने की इजाजत दी जाती है.