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उत्तर प्रदेश

विधानपरिषद में आज और कम हो जाएगा सपा का रुतबा, 3 सदस्‍यो का कार्यकाल खत्‍म; बीजेपी इन्‍हें देगी मौका

उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद में गुरुवार को समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व और कम हो जाएगा। पार्टी के तीन विधायकों का कार्यकाल 28 अप्रैल तक ही है। इसके बाद सपा 17 में से 14 विधायक ही विधानपरिषद में रहेंगे। इनमें बलवंत सिंह रामूवालिया, जाहिद हसन वसीम बरेलवी और मधुकर जेटली शामिल हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी विधानपरिषद की खाली सीटों पर उन नवनियुक्‍त मंत्रियों को मौका देगी जो अभी तक किसी सदन के सदस्‍य नहीं है। 

वहीं एक महीने बाद यानी 26 मई को भी सपा के तीन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इनमें डा. राजपाल कश्यप, अरविंद कुमार और डा. संजय लाठर का कार्यकाल भी अगले महीने खत्म हो रहा है। जिन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, ये सभी राज्यपाल द्वारा मनोनीत थे। मंगलवार को ही 36 निर्वाचित सदस्यों ने सदस्यता की शपथ ग्रहण की है। इसके बाद उच्च सदन में भाजपा सदस्यों की संख्या 66 हो गई है।

इन रिक्त हो रहे स्थानों पर भाजपा अपने नवनियुक्त मंत्रियों को सदस्य बनाएगी। भाजपा सरकार में मंत्री जसवंत सैनी, जेपीएस राठौर, नरेन्द्र कश्यप, दानिश, दयाशंकर मिश्र दयालू अभी किसी सदन के सदस्य नहीं है जबकि दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली से निर्वाचित होकर विधान परिषद सदस्य बन चुके हैं।

विधानपरिषद में पहली बार बीजेपी को मिला है बहुमत

बीजेपी ने पहली बार उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में बहुमत हासिल कर लिया है। इससे योगी सरकार की ताकत और बढ़ गई है। सरकार अब अपने दम पर कानून दोनों सदनों से पारित करा सकती है। वहीं, विधानपरिषद में कमजोर स्थिति से सपा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। गौरतलब है कि हाल में सम्‍पन्‍न स्थानीय निकाय प्राधिकार क्षेत्र से विधान परिषद की रिक्त 36 सीटों में से 33 पर भाजपा ने जीत हासिल कर ली है। 9 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध जीत हासिल कर चुके थे तो 24 सीटों पर चुनाव में विजेता घोषित हुए। समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के लिए परिणाम बेहद निराशाजनक रहे हैं। एक भी सीट पर पार्टी का खाता नहीं खुल सका है। वहीं, 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।

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