Punjab Power Crisis पंजाब में काेयले की कमी के कारण बिजली संकट गहरा गया है। 15 में से 12 थर्मल यूनिटाें पर ही उत्पादन चल रहा है। इसके चलते शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बिजली कट लगाए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला। Punjab Power Crisis: पंजाब के लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट के एक यूनिट को तकनीकी खराबी के कारण बंद करने के कारण पावरकाम को बिजली उत्पादन में एक और झटका लगा है। 210 मेगावाट क्षमता वाले यूनिट ने सुबह करीब पौने नौ बजे काम करना बंद कर दिया। प्रदेश में सभी पांच थर्मल प्लांटों के कुल 15 यूनिटों में से 12 यूनिट ही चल सके। लहरा मोहब्बत, तलवंडी साबो और गोइंदवाल साहिब के एक-एक यूनिट बंद होने से पावरकाम को कुल 1140 मेगावाट बिजली उत्पादन का नुकसान हो रहा है।
रविवार को प्रदेश में बिजली की मांग बढ़कर 10800 मेगावाट हो गई जिसे पूरी करने में पावरकाम नाकाम रहा और इस वजह से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चार से छह घंटे तक बिजली कट लगाने पड़े। मांग के मुकाबले पावरकाम 9318 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध करवा पाया और उसे 1500 मेगावाट बिजली की कमी का सामना करना पड़ा।
बैंकिंग सिस्टम के तहत अन्य राज्यों को दी जा रही सप्लाई रोकी
पावरकाम ने बिजली की मांग बढ़ते देख अब बैंकिंग सिस्टम के तहत अन्य राज्यों को रोजाना दी जा रही 300 मेगावाट बिजली की सप्लाई बंद कर दी है। अब यह बिजली पावरकाम खुद इस्तेमाल करेगा। इस साल अप्रैल में पावरकाम ने रोजाना औसत 6821 मेगावाट बिजली सप्लाई की जोकि पिछले साल अप्रैल में रोजाना औसत 5162 मेगावाट थी।
राजपुरा को छोड़ शेष सभी थर्मल प्लांटों में कोयला की कमी
राजपुरा थर्मल प्लांट को छोड़कर प्रदेश के शेष चारों थर्मल प्लांटों में कोयले की कमी बरकरार है। रुपनगर में 9.3, लहरा मोहब्बत में 3.9, गोइंदवाल साहिब में 4.2 और तलवंडी साबो में 7.3 दिन लायक ही कोयला स्टाक में है, जबकि राजपुरा में 21.5 दिन लायक कोयला उपलब्ध है। इसके अलावा राज्य के कई जिलाें में बिजली कटाैती से लाेग बेहाल हाे रहे हैं।