Mumbai News: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया. जिसमें अखबारों में देवी-देवताओं की तस्वीरें प्रकाशित करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
Mumbai News: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने सोमवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अखबारों में देवी-देवताओं की तस्वीरें प्रकाशित करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी. क्योंकि बाद में अखबार के ये पन्ने कूड़ेदानों और सड़कों के किनारे पाए जाते हैं. अदालत ने ये कहते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया है कि, इस तरह के मुद्दों पर फैसला करना विधायिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में है और न्यायिक आदेश के माध्यम से जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
अखबारों में ना लगे देवी-देवताओं की तस्वीरें
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट की खंडपीठ ने 2021 में वकील फिरोज बाबूलाल सैय्यद द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर आदेश पारित किया. जनहित याचिका में सैय्यद ने कहा कि कई सालों से वो अखबारों में देवताओं की तस्वीरें देख रहे थे. सैय्यद ने तर्क दिया कि उन समाचार पत्रों का उपयोग बाद में अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है और कोई उन्हें सड़क के किनारे या कूड़ेदान आदि में देख सकता.
याचिका में की गई ये मांग
इसके अलावा उन्होंने कहा कि, अखबारों में देवताओं की तस्वीरें दिखाने से जनता को भीड़ में त्योहार मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिससे कोविड -19 मामलों भी बढ़ेंगे. इसलिए इस प्रथा को रोका जाए. जनहित याचिका में इस तरह की प्रथा के खिलाफ नीति बनाने और अधिकारियों को अखबारों में मूर्तियों की तस्वीरों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नियम या प्रावधान बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है.