इनकम टैक्स विभाग की ओर से किए गए बदलाव के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति ने एक वित्त वर्ष में अपने सेविंग बैंक अकाउंट में 50 लाख रुपये या उससे ज्यादा जमा किया है तो उसके लिए अपनी आमदनी के हिसाब से आईटीआर फाइल करना जरूरी कर दिया गया है.
नई दिल्ली. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) को लेकर सरकार ने हाल ही में बड़ा बदलाव कर दिया है. अगर आपकी आमदनी बेसिक छूट सीमा से कम है और अब तक आप आईटीआर फाइल नहीं करते रहे हैं तो यह जरूरी नहीं है कि आगे भी आप ऐसा कर पाएंगे. हो सकता है कि इन बदलावों की वजह से आईटीआर फाइल नहीं करने पर इनकम टैक्स विभाग आप पर जुर्माना ठोक दे. इसलिए इन बदलावों के बारे में जानना प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है.
इनकम टैक्स विभाग की ओर से किए गए बदलाव के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति ने एक वित्त वर्ष में अपने सेविंग बैंक अकाउंट में 50 लाख रुपये या उससे ज्यादा जमा किया है तो उसके लिए अपनी आमदनी के हिसाब से आईटीआर फाइल करना जरूरी कर दिया गया है.
ये भी पढ़ें– प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: वरिष्ठ नागरिकों को मिलता है पेंशन का लाभ
25 हजार टीडीएस पर रिटर्न फाइलिंग जरूरी
इसी तरह, अगर एक वित्त वर्ष में आपका टीडीएस या टीसीएस कुल 25 हजार रुपये या इससे ज्यादा है तो भी आईटीआर दाखिल करना जरूरी हो गया है. भले ही कुल सालाना आमदनी बेसिक छूट सीमा से कम ही क्यों न हो. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में इकोनॉमिक टाइम्स के हवाले से बताया गया है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस या टीसीएस की सीमा 50 हजार रुपये रखी गई है.
2021-22 की फाइलिंग पर होगा लागू
इसके अलावा, पिछले वित्त वर्ष के दौरान बिजनेस का कुल टर्नओवर 60 लाख रुपये से ज्यादा रहने और प्रोफेशन से कुल प्राप्तियां 10 लाख रुपये से ज्यादा रहने पर भी आईटीआर फाइल करना अनिवार्य बना दिया गया है. आईटीआर फाइलिंग वेबसाइट टैक्स2विन के सीईओ अभिषेक सोनी के मुताबिक, यह बदलाव वित्त वर्ष 2021-22 की आईटीआर फाइलिंग पर लागू होगा.
ये भी पढ़ें– Gas Price: ‘अक्टूबर में फिर से बढ़ सकती हैं गैस की कीमतें’, रिलायंस का अनुमान
आईटीआर फाइल करने वालों की बढ़ेगी संख्या
टैक्सबड्डी डॉट कॉम के संस्थापक सुजीत बांगड़ के मुताबिक, सरकार के इस कदम से ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर्स आईटीआर फाइल करेंगे. यह बेहद सख्त कदम है. इसका मकसद उन लोगों की पहचान करना है जो ट्रांजेक्शन तो ज्यादा राशि का करते हैं लेकिन आईटीआर फाइल नहीं करते हैं.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया था. सर्कुलर में इसे इनकम टैक्स (नौवां संशोधन) नियम, 2022 बताया गया था.