नई दिल्ली, पीटीआइ। एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और करूर वैश्य बैंक ने सोमवार को कहा कि उन्होंने फंड की मार्जिनल कॉस्ट और रेपो रेट के आधार पर अपनी उधार दरों में संशोधन किया है। देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने 7 मई, 2022 से फंड की मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित उधार दर (एमसीएलआर) को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 7.70 प्रतिशत कर दिया है। एचडीएफसी बैंक ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि एक-वर्षीय एमसीएलआर 7.50 प्रतिशत है। एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों के लिए दो साल और तीन साल का एमसीएलआर क्रमश: 7.60 फीसदी और 7.70 फीसदी हो गया है।
इसके अलावा, केनरा बैंक ने कहा कि उसने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 7 मई, 2022 से बढ़ा दिया है और इसके साथ ही यह 7.30 प्रतिशत हो गया है। ऋणदाता ने एमसीएलआर आधारित उधार दरों को भी संशोधित किया है, जिसमें एक साल की दर 7.35 प्रतिशत कर दी गई है। ये एमसीएलआर अगली समीक्षा तक प्रभावी रहेंगे।
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पुणे स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी कहा कि उसने एमसीएलआर में 0.15 प्रतिशत की वृद्धि की है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, “यह सूचित करना है कि बैंक ने फंड की मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित उधार दर की समीक्षा की है, जो 7 मई, 2022 से प्रभावी है।” बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कहा कि एक साल की एमसीएलआर 7.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.40 प्रतिशत कर दिया गया है।
वहीं, निजी क्षेत्र के ऋणदाता करूर वैश्य बैंक ने एक अलग फाइलिंग में कहा कि उसने 9 मई, 2022 से बैंक के एक्सटर्नल बेंचमार्क दर (रेपो लिंक्ड (ईबीआर-आर)) को संशोधित कर 7.15 प्रतिशत से 7.45 प्रतिशत कर दिया है।
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पिछले सप्ताह आरबीआई द्वारा रेपो दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत किए जाने के बाद कई बैंकों ने रेपो रेट से जुड़ी उधार दरों में बढ़ोतरी की है। एक्सटर्नल बेंचमार्क या रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट में बढ़ोतरी से ज्यादातर कंज्यूमर लोन जैसे- ऑटो, होम और पर्सनल लोन महंगे हो जाते हैं।