अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़े अब भी 40 साल के उच्चतम स्तर के नजदीक बने हुए हैं. यही कारण है कि ग्लोबल मार्केट में निवेशक अपना पैसा सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश कर रहे हैं. मांग बढ़ने की वजह से इसकी कीमतों में भी उछाल आ रहा, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ रहा है.
नई दिल्ली. ग्लोबल मार्केट में जारी उतार-चढ़ाव का असर भारतीय बाजार पर भी दिख रहा है. बृहस्पतिवार सुबह सोने-चांदी की कीमतों में बदलाव दिखा. सोना जहां मांग बढ़ने से महंगा हो गया है, वहीं चांदी के नाम नीचे आ गए.
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मल्टीकमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर आज सुबह 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने का वायदा भाव 25 रुपये बढ़कर 50,847 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया है. इससे पहले गोल्ड में कारोबार की शुरुआत 50,939 रुपये के लेवल पर हुई, लेकिन खरीदारी और मांग घटने से जल्द ही इसकी कीमत 0.05 फीसदी उछाल के साथ 50,848 पर पहुंच गई.
चांदी की कीमतों में आई गिरावट
MCX पर आज सुबह चांदी की कीमतों में सोने के विपरीत गिरावट दिखी. सुबह के कारोबार में चांदी 351 रुपये फिसलकर 60,401 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई. इससे पहले चांदी में ट्रेडिंग की शुरुआत 60,550 रुपये प्रति किलोग्राम के लेवल पर हुई, लेकिन जल्द ही यह फिसलकर 0.58 फीसदी गिरावट के साथ 60,401 के स्तर पर आ गई.
ग्लोबल मार्केट में दिखा उछाल
सोने और चांदी की कीमतों में आज ग्लोबल मार्केट में उछाल दिख रहा है. अमेरिकी बाजार में आज सुबह सोने की हाजिर कीमत 0.2 फीसदी बढ़त के साथ 1,855.11 डॉलर प्रति औंस पहुंच गई थी, जबकि चांदी का हाजिर भाव 0.1 फीसदी बढ़त के साथ 21.57 डॉलर प्रति औंस रहा. पिछले कारोबारी सत्र में सोने की कीमत करीब 1 फीसदी बढ़ी थी. ग्लोबल मार्केट में प्लेटिनम की कीमत 0.2 फीसदी घटकर 990.64 डॉलर प्रति औंस पर आ गई है.
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इसलिए आ रहा कीमतों में उतार-चढ़ाव
अमेरिका ने बुधवार देर शाम महंगाई के आंकड़े जारी किए, जो अप्रैल में 8.3 फीसदी रहे. वैसे तो यह अगस्त, 2021 के बाद महंगाई का सबसे निचला स्तर है, लेकिन इकनॉमिस्ट के लगाए अनुमानों से काफी ज्यादा है. महंगाई का स्तर ऊपर देखकर निवेशकों में यह आशंका भर गई है कि आगे भी फेड रिजर्व ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी कर सकता है. इसी डर से निवेशक अपना पैसा बाजार से निकालकर सोने में लगा रहे हैं, क्योंकि पीली धातु को निवेश के लिए लिहाज से हैवन एसेट माना जाता है.
इससे पहले फेड रिजर्व ने मई की शुरुआत में ही अपनी ब्याज दरों को 0.50 फीसदी बढ़ा दिया था. साथ ही भविष्य में और बढ़ोतरी करने के संकेत भी दिए थे. ब्याज दरों में यह बढ़ोतरी अमेरिका के 22 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा है.