Gold price : डॉलर के सामने फीकी पड़ रही सोने की चमक, क्या ये निवेश का सही समय ?
डॉलर इंडेक्स ने दो दशकों के उच्च स्तर को छू लिया है, जिससे सोने की कीमत में लगातार चौथे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई. कमोडिटी मार्केट के विशेषज्ञों ने निवशकों को कुछ समय इंतजार करने के बाद इसमें निवेश की सलाह दी है.
नई दिल्ली . डॉलर इंडेक्स के दो दशकों के उच्च स्तर को छूने के साथ ही सोने की कीमत में लगातार चौथे सप्ताह गिरावट जारी है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर शुक्रवार को सोने की कीमत 49,909 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई. इसके साथ ही इस पीली धातु को लगभग 2.86 फीसदी का साप्ताहिक नुकसान उठाना पड़ा. हाजिर सोना 1810 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ, जिसका मतलब यह है कि यह 1820 डॉलर के अहम सपोर्ट लेवल को तोड़ने वाला है.
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कमोडिटी मार्केट के विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को ब्याज दरों पर केंद्रीय बैंकों के सख्त तेवर और रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक आर्थिक विकास बाधित होने की चिंता है. दोनों चिंताओं के बीच वे सोने से पैसे निकालकर अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड में निवेश कर रहे हैं. डॉलर इंडेक्स के बारे में उनका मानना है कि दो दशक के नए उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ इसमें आगे भी बढ़ोतरी जारी रह सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, अल्पावधि में हाजिर सोने की कीमत 1780 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकती है. वहीं, एमसीएक्स पर सोने की दर 48,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक जा सकती है.
कुछ समय इंतजार करें
कमोडिटी मार्केट के विशेषज्ञों के अनुसार, सोना में निवेश करने वालों को कुछ समय इंतजार करना चाहिए. उन्होंने निवेशकों को हाजिर बाजार में 1780 डॉलर और एमसीएक्स पर 48,800 रुपये के अहम सपोर्ट लेवल पर सोना खरीदने की सलाह दी. आपको बता दें कि विशेषज्ञ अभी भी सोने पर सकारात्मक नजरिया रखते हैं.
इसलिए दाम पर पड़ा असर
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च की वाइस प्रेसिडेंट सुगंधा सचदेवा ने लाइवमिंट से कहा कि ब्रॉडर फाइनेंसियल मार्केट की जोखिम का असर सोने पर भी पड़ा है. यह 2.86 फीसदी की गिरावट के साथ तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया है. इसमें लगातार चौथे सप्ताह गिरावट हुई है. सोने की कीमत में गिरावट का मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स में दो दशकों का सबसे अधिक उछाल है.
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फेड के फिर रेट वृद्धि की आशंका
हाल के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स मार्च की तुलना में थोड़ा कम हुआ. हालांकि, अप्रैल में 8.3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ यह उम्मीद से अधिक है. चूंकि बहुत अधिक है इसीलिए मार्केट अमेरिकी फेड की जून की बैठक में ब्याज दर में एक बार फिर 50 बेसिक पॉइंट की वृद्धि की आशंका जता रहा है. वहीं, भारतीय रुपये में गिरावट लगातार जारी है और यह इस सप्ताह के दौरान 77.63 अंक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. इससे घरेलू सोने की कीमतों को कुछ राहत मिली है.